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Poos ki raat | Munshi Premchand | Baiju Jha | पूस की रात | मुंशी प्रेमचंद | बैजू झ‪ा‬ Baiju Jha

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'पूस की रात' प्रेमचंद की श्रेष्ठ कहानियों में से एक है। कहानी में कर्ज से पीड़ित एक किसान की दुर्दशा का चित्रण है। मजदूरी से काटकर जोड़े गए तीन रुपये महाजन को दे देने के बाद हल्कू के कंबल लेने का सपना धराशायी हो जाता है। पूस की रात में ठिठुरता हुआ वह खेत पर फसल की रखवाली करने जाता है। लेकिन प्रकृति और जिम्मेदारी से संघर्ष में वह हार जाता है।

-----------------------------------------------------------इस तरह के और भी कहानियां सुनने के लिए मेरे साथ जुड़े रहे।

'पूस की रात' प्रेमचंद की श्रेष्ठ कहानियों में से एक है। कहानी में कर्ज से पीड़ित एक किसान की दुर्दशा का चित्रण है। मजदूरी से काटकर जोड़े गए तीन रुपये महाजन को दे देने के बाद हल्कू के कंबल लेने का सपना धराशायी हो जाता है। पूस की रात में ठिठुरता हुआ वह खेत पर फसल की रखवाली करने जाता है। लेकिन प्रकृति और जिम्मेदारी से संघर्ष में वह हार जाता है।

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