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Kurbaan Kalam Bandagi

    • Darstellende Kunst

माना लफ़्ज़ों के सहारे किसी रिश्ते की पहचान नहीं होती....
पर सिर्फ लफ़्ज़ों के लारे भी ज़िंदगी कुर्बान नहीं होती....

माना लफ़्ज़ों के सहारे किसी रिश्ते की पहचान नहीं होती....
पर सिर्फ लफ़्ज़ों के लारे भी ज़िंदगी कुर्बान नहीं होती....

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