2 Min.

Teri Mitti Kalam Bandagi

    • Darstellende Kunst

🇮🇳मुबारक हो आज़ादी🇮🇳

हिन्द से सिंध तक तिरंगे की शान है आज़ादी
राम की दीवाली है और अल्लाह की रमज़ान है आज़ादी..
गुरुपर्व का प्रकाश है और क्रिसमस के संग आयी सौगात है आज़ादी...

मुबारक हो आज़ादी ...

6 मौलिक अधिकारों में बटी और अंधे कानून में फंसी शान है आज़ादी.
किताबो में "सेक्युलरिज्म (secularism) का ज्ञान और संघो के धार्मिक खेलो की असली पहचान है आज़ादी...

मुबारक हो! आपसे आपकी पहचान छिनने वाली आज़ादी...

सन 84 और गोधरा में ज़िंदा जलाए जाने वालों की पुकार है आज़ादी...
बाबरी का नरसंहार और 90 में सुनी कश्मीरी पंडितों की गुहार है आज़ादी

मुबारक हो! आपको , ऐसे नरसंहार की ये आज़ादी!

चन ज़मीनों में उलझे ,कितने ज़मीरों का अहंकार है आज़ादी
इंसानियत से ज्यादा धर्म की " Insaneiyat" में फंसे विचारो का घर संसार है आज़ादी

मुबारक हो! आपको ऐसी छोटी सोच की ये आज़ादी...

आज़ादी...?

वतन की मिट्टी के लिए खुद मिट्टी में मिल जाने का नाम होती है आज़ादी...
हर धर्म,रंग और भाषा को बराबर मिलने वाले सामान की पहचान होती है आज़ादी...
भगत,शिवाजी,बोस,लक्ष्मीबाई और नजाने कितने शहीदों की शहादत का कर्ज होती है आज़ादी...
अपने धर्मो का मान रख कर भी ...अपने इंसानियत के कर्म का फ़र्ज़ अदा कर जाना होती है आज़ादी....

शायद इसे कहते है " असली स्वराज की आज़ादी..."

मुबारक हो हम सब को "भारत की ये आज़ादी"...

🇮🇳......जय हिन्द.....🇮🇳

🇮🇳मुबारक हो आज़ादी🇮🇳

हिन्द से सिंध तक तिरंगे की शान है आज़ादी
राम की दीवाली है और अल्लाह की रमज़ान है आज़ादी..
गुरुपर्व का प्रकाश है और क्रिसमस के संग आयी सौगात है आज़ादी...

मुबारक हो आज़ादी ...

6 मौलिक अधिकारों में बटी और अंधे कानून में फंसी शान है आज़ादी.
किताबो में "सेक्युलरिज्म (secularism) का ज्ञान और संघो के धार्मिक खेलो की असली पहचान है आज़ादी...

मुबारक हो! आपसे आपकी पहचान छिनने वाली आज़ादी...

सन 84 और गोधरा में ज़िंदा जलाए जाने वालों की पुकार है आज़ादी...
बाबरी का नरसंहार और 90 में सुनी कश्मीरी पंडितों की गुहार है आज़ादी

मुबारक हो! आपको , ऐसे नरसंहार की ये आज़ादी!

चन ज़मीनों में उलझे ,कितने ज़मीरों का अहंकार है आज़ादी
इंसानियत से ज्यादा धर्म की " Insaneiyat" में फंसे विचारो का घर संसार है आज़ादी

मुबारक हो! आपको ऐसी छोटी सोच की ये आज़ादी...

आज़ादी...?

वतन की मिट्टी के लिए खुद मिट्टी में मिल जाने का नाम होती है आज़ादी...
हर धर्म,रंग और भाषा को बराबर मिलने वाले सामान की पहचान होती है आज़ादी...
भगत,शिवाजी,बोस,लक्ष्मीबाई और नजाने कितने शहीदों की शहादत का कर्ज होती है आज़ादी...
अपने धर्मो का मान रख कर भी ...अपने इंसानियत के कर्म का फ़र्ज़ अदा कर जाना होती है आज़ादी....

शायद इसे कहते है " असली स्वराज की आज़ादी..."

मुबारक हो हम सब को "भारत की ये आज़ादी"...

🇮🇳......जय हिन्द.....🇮🇳

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