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पिता का प्रे‪म‬ Saccha Jeevan

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पिता का प्रेम। क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया , ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो , परन्तु अनन्त जीवन पाए ( यूहन्ना ३ ; १६ ) । आपने एक बच्चे की तरह अवश्य ही ऊपर के वचन को याद किया होगा , जैसा मैंने किया था । बच्चों के रूप में हम से यह बुलवाया जाता था , किंतु जैसे ही मैं बड़ा हो गया, और भाषा की महत्ता को समझने लगा , शब्दो की महत्ता को , तो मैं उन विचारो पर मनन किए बिना नहीं रह पाया, जो इस वचन में बताए गए है। और यह कि वास्तव में इसका अर्थ क्या है । वह कहता है , " क्योंकि परमेश्वर ने जगत से इतना प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया , ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो . . . . " । यह महामई परमेश्वर की सार्वभौमिक घोषणा है ; यह विश्व के लिए कानूनी संदेश है , एक कानूनी निर्देश । सच्चाई में यह एक नियम है । परमेश्वर ने हर एक से इतना प्रेम किया , उसने हम से इतना प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया । अब उसी वचन में मैंने पिता के प्रेम का प्रचुर प्रवाह और प्रदर्शन देखा । उस में बहुत सारे संदेश है । यह सोचिये : उसने आपके स्थान में यीशु को दे दिया , इसका अर्थ है कि वह आपसे उतना ही प्रेम करता है जितना वह यीशु से करता है । इसका अर्थ है कि आप परमेश्वर के लिए मूल्यवान है । अगर परमेश्वर ने आपसे इतना प्रेम किया , तो आप अवश्य ही उसके लिए कुछ है ; अन्यथा , उसने आपके बदले में इतना बड़ा दाम नही चुकाया होता । इसके अतिरिक्त , वह आपसे प्रेम करता है का अर्थ है, कि वह आपके ऊपर हर दिन निगाह रखे हए है : वह आपके साथ हर क्षण, और रास्ते के हर कदम में है । आपसे जुड़ी हर वस्तु का उसे ख्याल है । इस बात को आपको जीवन में असाधारण आत्म विश्वास देना चाहिए : एक सोचने का नया तरीका । वह सीमा जहाँ तक वह उसके प्रेम को दिखा

पिता का प्रेम। क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया , ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो , परन्तु अनन्त जीवन पाए ( यूहन्ना ३ ; १६ ) । आपने एक बच्चे की तरह अवश्य ही ऊपर के वचन को याद किया होगा , जैसा मैंने किया था । बच्चों के रूप में हम से यह बुलवाया जाता था , किंतु जैसे ही मैं बड़ा हो गया, और भाषा की महत्ता को समझने लगा , शब्दो की महत्ता को , तो मैं उन विचारो पर मनन किए बिना नहीं रह पाया, जो इस वचन में बताए गए है। और यह कि वास्तव में इसका अर्थ क्या है । वह कहता है , " क्योंकि परमेश्वर ने जगत से इतना प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया , ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे वह नष्ट न हो . . . . " । यह महामई परमेश्वर की सार्वभौमिक घोषणा है ; यह विश्व के लिए कानूनी संदेश है , एक कानूनी निर्देश । सच्चाई में यह एक नियम है । परमेश्वर ने हर एक से इतना प्रेम किया , उसने हम से इतना प्रेम किया कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया । अब उसी वचन में मैंने पिता के प्रेम का प्रचुर प्रवाह और प्रदर्शन देखा । उस में बहुत सारे संदेश है । यह सोचिये : उसने आपके स्थान में यीशु को दे दिया , इसका अर्थ है कि वह आपसे उतना ही प्रेम करता है जितना वह यीशु से करता है । इसका अर्थ है कि आप परमेश्वर के लिए मूल्यवान है । अगर परमेश्वर ने आपसे इतना प्रेम किया , तो आप अवश्य ही उसके लिए कुछ है ; अन्यथा , उसने आपके बदले में इतना बड़ा दाम नही चुकाया होता । इसके अतिरिक्त , वह आपसे प्रेम करता है का अर्थ है, कि वह आपके ऊपर हर दिन निगाह रखे हए है : वह आपके साथ हर क्षण, और रास्ते के हर कदम में है । आपसे जुड़ी हर वस्तु का उसे ख्याल है । इस बात को आपको जीवन में असाधारण आत्म विश्वास देना चाहिए : एक सोचने का नया तरीका । वह सीमा जहाँ तक वह उसके प्रेम को दिखा

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