Dil Ki Baatein Hemant Dwivedi
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- Society & Culture
हाँ!...बहुत बार ऐसा भी होता है कि हमारे दिल की बातें, ज़ज़्बात कोई और कहे!...बस, कुछ ऐसा ही तो है ये झरोखा...ये पॉडकास्ट! कोई नज़्म, कोई अफसाना पास से गुजरे...छू कर गुज़रे...और तो क्या!?
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कनुप्रिया- धर्मवीर भारती (शब्द- अर्थहीन)
सुनो ना!...कनुप्रिया की ये बातें, जहां कृष्ण भी चुप से खड़े हैं...