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Baaki Hai Zehan

    • Performing Arts

बाकी है
बेपरवाहियाँ मेरी, उसी परवरिश का हिस्सा हैं,
जहाँ मुलाकात में बिछड़ने का, रिवाज़ बाकी है।
ये बूंदे हैं बस जो, कहकाशीं रातों में गिर आयीं,
अभी मिलना मेरा, घुलना तेरा, बरसात बाकी है।।

बाकी है
बेपरवाहियाँ मेरी, उसी परवरिश का हिस्सा हैं,
जहाँ मुलाकात में बिछड़ने का, रिवाज़ बाकी है।
ये बूंदे हैं बस जो, कहकाशीं रातों में गिर आयीं,
अभी मिलना मेरा, घुलना तेरा, बरसात बाकी है।।

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