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Poem 16: TANHAI MAIN QAID Zindagi Diaries

    • Performing Arts

घर के दर-ओ-दीवार, हमारे जीवन के मूकदर्शक हैं। कितनी बातें, यादें, सिसकियां, दबी हुई ख़्वाहिश, सभी के गवाह यही तो हैं। कितना कुछ अपने ईंट के दिल में चुप चाप छुपाये, दबाये रखते हैं।

घर के दर-ओ-दीवार, हमारे जीवन के मूकदर्शक हैं। कितनी बातें, यादें, सिसकियां, दबी हुई ख़्वाहिश, सभी के गवाह यही तो हैं। कितना कुछ अपने ईंट के दिल में चुप चाप छुपाये, दबाये रखते हैं।

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