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किस्से-कहानियों का संसार अद्भुत है। इतिहास ऐसी रोचक कहानियों से भरा पड़ा है। कहानियों के इस सेक्शन में ऐसी ही पौराणिक कहानियां आपके के लिए लेकर आए हैं। पौराणिक कथाएं संस्कृति और मानवीय मूल्य दोनों से परिचय करवाती हैं।
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    • Religião e espiritualidade

किस्से-कहानियों का संसार अद्भुत है। इतिहास ऐसी रोचक कहानियों से भरा पड़ा है। कहानियों के इस सेक्शन में ऐसी ही पौराणिक कहानियां आपके के लिए लेकर आए हैं। पौराणिक कथाएं संस्कृति और मानवीय मूल्य दोनों से परिचय करवाती हैं।
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    दान सौदा नहीं कहलाता है | दान की महिमा

    दान सौदा नहीं कहलाता है | दान की महिमा

    दान की महिमा तभी होती है, जब वह नि:स्वार्थ भाव से किया जाता है अगर कुछ पाने की लालसा में दान किया जाए तो वह व्यापार बन जाता है। जब इस भाव के पीछे कुछ पाने का स्वार्थ छिपा हो तो क्या वह दान रह जाता है ? यदि हम किसी को कुछ दान या सहयोग करना चाहते हैं तो हमे यह बिना किसी उम्मीद या आशा के करना चाहिए, ताकि यह हमारा सत्कर्म हो, न कि हमारा अहंकार ।

    #DharmikStory #kathaDarshan

    • 3 min
    हनुमान चालीसा के दोहे का हिंदी अर्थ | Hanuman Chalisa Hindi Meaning

    हनुमान चालीसा के दोहे का हिंदी अर्थ | Hanuman Chalisa Hindi Meaning

     पवनतनय  संकट  हरन, मंगल मूर्ति रुप ।
    राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप ।।



    आप संकट दूर करने वाले तथा, आप आनन्द मंगल के स्वरुप हैं ।  हे देवराज आप श्रीराम लक्ष्मण और सीताजी सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए । तुलसीदासजी हनुमानजी से प्रार्थना कर रहे हैं कि हे हनुमानजी ! आप राम लक्ष्मण और सीता सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए ।  इस बात के पीछे गहरा अर्थ छुपा हुआ है ।  यहाँ पर भक्त श्रेष्ठ के रुप में हनुमानजी है तथा राम, सीता और लक्ष्मण, ज्ञान भक्ति और कर्म के रुप में हैं ।  



    #HanumanChalisa #HanumanKatha #JaiShreeRam

    • 6 min
    हनुमान चालीसा के 40 चौपाई का अर्थ हनुमान कथा : गुरु ज्ञान

    हनुमान चालीसा के 40 चौपाई का अर्थ हनुमान कथा : गुरु ज्ञान

    तुलसीदास सदा हरि चेरा । 

    कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥ 40 ॥ 



    हे नाथ हनुमानजी ! तुलसीदास सदा ही श्रीराम का दास है। इसलिए आप उसके हृदय में निवास कीजिए । हनुमान जी तुलसीदास जी के गुरु हैं। तुलसीदास जी ने हनुमानजी को अपना गुरु माना है। उनके मार्गदर्शन के अनुसार ही उन्हे भगवान श्रीराम के दश्‍​र्रन हुए ।  इसलिए तुलसीदासजी हनुमानजी से प्रार्थना कर रहे हैं कि, हे हनुमानजी । 

    आप मेरे हृदय में निवास कीजिए । गुरु हो तो ज्ञान मिलता है, या सत्संग किया तो मार्गदर्शन मिलता है ।



    #HanumanChalisa #HanumanKatha #JaiShreeRam

    • 2 min
    हनुमान कथा : चालीसा की रचना | हनुमान चालीसा के 39 चौपाई का अर्थ

    हनुमान कथा : चालीसा की रचना | हनुमान चालीसा के 39 चौपाई का अर्थ

    यह हनुमान चालीसा लिखवाया इसलिए वे साक्षी हैं कि जो इसे पढेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी । भगवान शिव का रुप गुरु का रुप है ।  ज्ञानराणा शिव है, जिनके मस्तिष्क से अविरत ज्ञानगंगा का प्रवाह प्रवाहित होता रहता है । भगवान शंकर इस हनुमान चालीसा के साक्षी हैं ऐसा इस चौपाई में उल्लेख है ।  भगवान शंकर की प्रेरणा से तुलसदासजी ने हनुमान चालीसा की रचना की है । हनुमान चालीसा में हनुमत चरित्र पर पूर्ण रुप से प्रकाश डाला गया है । गुरु का मस्तिष्क ज्ञान से भरा हुआ रहता है । 



    जो यह पढै हनुमान चालीसा ।
    होय सिद्ध साखी गौरीसा ॥ 39  ॥



    #HanumanChalisa #HanumanKatha # JaiShreeRam

    • 2 min
    हनुमान कथा : शब्दों की शक्ति | हनुमान चालीसा की अड़तीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | Hanuman Katha : Power of Words

    हनुमान कथा : शब्दों की शक्ति | हनुमान चालीसा की अड़तीसवीं चौपाई का हिंदी अर्थ | Hanuman Katha : Power of Words

    जो शत बार पाठ कर कोई ।
    छूटहि बंदि महा सुख होई ॥ 38 ॥

    जो सौ बार हनुमान चालीसा का पाठ करेगा उसे सब बंधनो से मुक्ति मिलेगी तथा सुख की प्राप्ति  होगी । यहाँ पर तुलसदासजी ने जो शत बार शब्द का प्रयोग किया है, शत बार यानी बार बार हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए यह अभिप्रेरित है । गोस्वामी तुलसीदासजी का अभिप्राय यह है कि हनुमान चालीसा में भक्त श्रेष्ठ हनुमानजी का जो चरित्र चित्रण है उसका स्वाध्याय बार बार करना चाहिए । 

    #HanumanChalisa #HanumanKatha #jaiShreeRam

    • 5 min
    हनुमान कथा : भगवान मिलन | हनुमान चालीसा के सैंतीसवीं चौपाई का अर्थ

    हनुमान कथा : भगवान मिलन | हनुमान चालीसा के सैंतीसवीं चौपाई का अर्थ

    हनुमान कथा : भगवान मिलन  | हनुमान चालीसा के सैंतीसवीं चौपाई का अर्थ 

    जै जै जै हनुमान गोसाईं । कृपा करहु गुरु देव की नाईं ॥ 37 ॥  

    हे हनुमानजी आपकी जय हो ऐसा तीन बार उन्होने लिखा है, इसके पीछे गहरा अर्थ छुपा हुआ है । हम जब आपस में एक दूसरे से मिलते हैं तब जय रामजी की कहते हैं ।  इन में से कोई भी बोलो मगर भगवान की जय होनी चाहिए । 

    #HanumanChalisa #HanumanKatha

    • 4 min

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