Incredible Rohtas Manish Singh
-
- Music
Incredible Rohtas Foundation
-
सावन के झूले और कजरी गायन की परंपरा।
नमस्कार। हमने आकाशवाणी के लिए वर्ष 2014 में एक संगीत रूपक का निर्माण किया था- 'सावन के झूले और कजरी गायन की परंपरा।' झूले का भारतीय वाङ्गमय में कब से वर्णन मिलता है, भोजपुरी में कितने प्रकार की कजरी होती है, क्षेत्रवार गायी जाने वाली कजलियों में कितना अंतर है? शोध पर आधारित इस रूपक का विषय है। इसमें हमनें विविध कलाकारों के गीतों को लिया है। शोध और आलेख मेरा था तथा अपने ही स्वर में इसका निर्माण भी किया था। इस रूपक में बिना वाद्ययंत्रों के एक गीत भी मेरा है। यह संगीत रूपक आज भी प्रासंगिक है। कृपया इसे सुनें, आनंद लें और अपनी प्रतिक्रिया देने का भी कष्ट करें।