प्रेम और परिपक्वता Sadanand Kumar
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- Drama
प्रेम में स्थायित्व के लिए बहुत जरूरी है कि अपने साथी की मनोदशा पर नजर और अपना स्वाभिमान बरकरार रखा जाए बाकि इसके बाद समर्पण तो करना ही है ।
प्रेम में स्थायित्व के लिए बहुत जरूरी है कि अपने साथी की मनोदशा पर नजर और अपना स्वाभिमान बरकरार रखा जाए बाकि इसके बाद समर्पण तो करना ही है ।
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