Kahani With Kiran Kiran Darolia
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- Arte
कहानी विद किरण में आप सुनेंगे हर बार एक नई कहानी।
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मुंशी प्रेमचंद रचित माता का हृदय
एक बहुत ही सीधी-सादी, लाचार और अबला नारी है माधवी। 22 वर्षों से वैधव्य का जीवन व्यतीत कर रही है। उसके जीवन का एकमात्र सहारा उसका एकमात्र पुत्र आत्मानंद है और उसे भी अत्याचारियों ने जेल में डाल दिया है। वह माधवी, जो आज तक जीवन यापन के साधनों को जुटाने के अतिरिक्त घर से बाहर नहीं निकली थी, वही माधवी आज कैसे अपने पुत्र पर हुए अत्याचारों का बदला लेगी? उसने कहा भी था - मर जाऊँ या मारूँ। तो क्या होगा माधवी का बदला? क्या वह सच में अपना बलिदान दे देगी या बागची को ही मार डालेगी? या कुछ और ही ऐसा, जो हमारी समझ से ही बाहर हो, हमने सोचा ही ना हो। एक माता के हृदय की इस पीड़ा को देखने के लिए, समझने के लिए, जानने के लिए इस कहानी के सभी एपिसोड जरूर सुनिएगा कहानी विद किरण में।