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फर्जी फर्म के सरगनाओं का कारनामा, टैक्स चोरी के मामले में देश में चौथे स्थान पर पहुंचा हरियाण‪ा‬ Dabwali News

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डबवाली न्यूज़ डेस्क
(इंदरजीत अधिकारी की विशेष कवर स्टोरी)
फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी का गोरखधंधा करने वालों के कारनामे अब जगजाहिर होने लगे है। टैक्स चोरी की बदौलत हरियाणा का नाम देशभर में पहचाने जाने लगा है। पड़ौसी राज्यों को पछाड़कर हरियाणा देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
देशभर में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुई थी। इस वर्ष अगस्त माह तक टैक्स चोरी के हरियाणा में 1708 मामले सामने आ चुके है। जबकि दिल्ली 3182 मामलों के स्थान पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र में 2540 और गुजरात में 1739 मामले इन तीन वर्षों में दर्ज किए गए है। हरियाणा में टैक्स चोरी के 1708 मामलों से 3182 करोड़ की चपत लगी है।संसद में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा यह आंकड़े प्रकट किए गए है। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में कितनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। उसने तीन वर्षों के भीतर ही चौथा स्थान हासिल कर लिया है और जिस गति से फर्जी फर्म संचालकों की गतिविधियां बदस्तूर जारी है और सरकारी एजेंसियां जिस प्रकार उनके आगे नतमस्तक है, उससे हरियाणा का टैक्स चोरी के मामले में नंबर-वन बनना तय माना जा रहा है। वर्णनीय है कि टैक्स चोरी के प्रमुख सरगनाओं की राजधानी सिरसा में है। टैक्स चोरी के लिए फर्जी फर्में बनाकर सरकार को करोड़ों की चपत लगाने वाले इन लोगों ने पूरे देश में अपना नेटवर्क बना रखा है। इन धंधेबाजों द्वारा न केवल टैक्स की चोरी को अंजाम दिया जाता है, बल्कि सरकार से करोड़ों रुपये का रिफंड भी हासिल कर लिया गया।
सिरसा में फर्जी फर्मों के मामलों को लेकर कुख्यात एमआरपी का कारोबार आज भी बदस्तूर जारी है। इनका नेटवर्क इतना फैल चुका है कि उनकी दो-चार करोड़ की नगदी पकड़े जाने पर भी उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता। टैक्स चोरी के मामले में हरियाणा का चौथे स्थान

डबवाली न्यूज़ डेस्क
(इंदरजीत अधिकारी की विशेष कवर स्टोरी)
फर्जी फर्म बनाकर टैक्स चोरी का गोरखधंधा करने वालों के कारनामे अब जगजाहिर होने लगे है। टैक्स चोरी की बदौलत हरियाणा का नाम देशभर में पहचाने जाने लगा है। पड़ौसी राज्यों को पछाड़कर हरियाणा देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया है।
देशभर में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुई थी। इस वर्ष अगस्त माह तक टैक्स चोरी के हरियाणा में 1708 मामले सामने आ चुके है। जबकि दिल्ली 3182 मामलों के स्थान पहले स्थान पर है। महाराष्ट्र में 2540 और गुजरात में 1739 मामले इन तीन वर्षों में दर्ज किए गए है। हरियाणा में टैक्स चोरी के 1708 मामलों से 3182 करोड़ की चपत लगी है।संसद में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा यह आंकड़े प्रकट किए गए है। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में कितनी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। उसने तीन वर्षों के भीतर ही चौथा स्थान हासिल कर लिया है और जिस गति से फर्जी फर्म संचालकों की गतिविधियां बदस्तूर जारी है और सरकारी एजेंसियां जिस प्रकार उनके आगे नतमस्तक है, उससे हरियाणा का टैक्स चोरी के मामले में नंबर-वन बनना तय माना जा रहा है। वर्णनीय है कि टैक्स चोरी के प्रमुख सरगनाओं की राजधानी सिरसा में है। टैक्स चोरी के लिए फर्जी फर्में बनाकर सरकार को करोड़ों की चपत लगाने वाले इन लोगों ने पूरे देश में अपना नेटवर्क बना रखा है। इन धंधेबाजों द्वारा न केवल टैक्स की चोरी को अंजाम दिया जाता है, बल्कि सरकार से करोड़ों रुपये का रिफंड भी हासिल कर लिया गया।
सिरसा में फर्जी फर्मों के मामलों को लेकर कुख्यात एमआरपी का कारोबार आज भी बदस्तूर जारी है। इनका नेटवर्क इतना फैल चुका है कि उनकी दो-चार करोड़ की नगदी पकड़े जाने पर भी उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता। टैक्स चोरी के मामले में हरियाणा का चौथे स्थान

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