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Episode 1 - सांझ, लॉकडाउन और मानवता Pakh - पाख
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- Personal Journals
सूरज को अस्त होते देख कुछ भाव उमड़े| बस फिर क्या था? इन्हीं भावों का मूल्यांकन करने बैठ गया| उसी मूल्यांकन का व्याख्यान है ये एपिसोड|
सूरज को अस्त होते देख कुछ भाव उमड़े| बस फिर क्या था? इन्हीं भावों का मूल्यांकन करने बैठ गया| उसी मूल्यांकन का व्याख्यान है ये एपिसोड|
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