यूएन समाचार - वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानिय

वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां

  1. قبل يوم واحد

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 31 अक्टूबर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...सूडान के अल फ़शर में, हाल के दिनों में RSF की भयावह हिंसा में साढ़े चार सौ से अधिक लोगों का जनसंहार. भारी संख्या में लोगों का पलायन.पूरे ग़ाज़ा पट्टी में, हाल के इसराइली हवाई हमलों के बावजूद, यूएन एजेंसियाँ सहायता प्रयासों में सक्रिय, इसराइली हमलों में 100 से अधिक लोगों की मारे जाने की ख़बरें.यूक्रेन में ऊर्जा ठिकानों पर रूस के सिलसिलेवार हमलों पर गहरी चिन्ता, युद्ध ले रहा है - टैक्नोलॉजी टकराव का रूप.संयुक्त राष्ट्र के युवा मामलों के सहायक महासचिव डॉक्टर फ़ेलिपे पाउलियर ने अपनी भारत यात्रा के दौरान, देशभर के अनेक युवा परिवर्तनकारियों से की मुलाक़ात.क्या ऐसा सम्भव है कि सामाजिक विकास के मार्ग में कोई भी पीछे नहीं छूटे. कुछ ऐसे ही मुद्दों पर प्रगति का जायज़ा लेने के लिए, 4-6 नवम्बर को, दोहा में हो रहा है – दूसरा विश्व सामाजिक विकास सम्मेलन.

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  2. ٢٤ أكتوبر

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 24 अक्टूबर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़िया...संयुक्त राष्ट्र हुआ 80 वर्ष का, 24 अक्टूबर को यूएन दिवस के अवसर पर, इस विश्व संगठन के उद्देश्यों के लिए फिर से वैश्विक एकजुटता की अपील.ग़ाज़ा युद्धविराम, व्यापक इसराइल-फ़लस्तीन टकराव के सबसे विनाशकारी चरणों में से एक को समाप्त करने का एक दुर्लभ अवसर, कहा मध्य पूर्व के लिए एक वरिष्ठ यूएन दूत ने.हरे-भरे वन हैं पृथ्वी के फेफड़े और इनसानों की आजीविका का सहारा, मगर फिर भी विशाल पैमाने पर क्यों हो रही वनों की कटाई.साइबर अपराध पर क़ाबू पाने के लिए, एक यूएन कन्वेंशन की जा रही है हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत. दुनिया भर में लोगों को मिल सकेगी धोखाधड़ी से सुरक्षा.विकलांग जन के समावेशन के मुद्दे पर, हाल ही में भारत के गोआ में सम्पन्न हुए - पर्पल फ़ेस्टिवल में हुआ, WeCare नामक फ़िल्म महोत्सव भी.

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  3. ١٧ أكتوبر

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 17 अक्टूबर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...विश्व भर में कुल निर्धन आबादी का 80 फ़ीसदी हिस्सा, सूखा, बाढ़, गर्मी और वायु प्रदूषणों जैसे जलवायु जोखिमों की चपेट में भीग़ाज़ा में नाज़ुक हालात में लागू युद्धविराम के बीच, ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी तक मानवीय सहायता पहुँचाने के लिए प्रयास67 करोड़ लोग आज भी भूखे पेट सोने के लिए मजबूर, विश्व खाद्य दिवस पर इस चुनौती पर पार पाने का आहवानयूएन शान्तिरक्षा अभियानों को और अधिक प्रभावी बनाने, व नई उभरती चुनौतियों से निपटने पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में बैठकऔर, अपना असर खो रही हैं एंटीबायोटिक दवाएं, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने फिर किया आगाह

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  4. ١٠ أكتوبر

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 10 अक्टूबर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...ग़ाज़ा में युद्धविराम समझौते की घोषणा का ज़ोरदार स्वागत और ख़ुशी व उम्मीदों की लहर. यूएन एजेंसियों ने मानवीय सहायता आपूर्ति के लिए बढ़ाई अपनी सक्रियता.वेनेज़ुएला की मारिया मचाडो को मिला नोबेल शान्ति पुरस्कार, लोगों की लोकतांत्रिक आशाओं को बढ़ावा देने में अहम योगदान को मिली पहचान.गम्भीर मानसिक स्वास्थ्य से जूझ रहे हैं योरोप के स्वास्थ्यकर्मी, आ रहे हैं आत्महत्या तक के विचार.एक अरब से अधिक लोगों को तम्बाकू की लत, ई-सिगरेट के सेवन में भी भारी इज़ाफ़ा.सम्मानजनक रोज़गार हर व्यक्ति का अधिकार है, फिर भी दुनिया भर में क्यों हैं चिन्ताजनक हालात.हिन्दी दिवस पर, यूएन मुख्यालय में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन.

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  5. ٣ أكتوبر

    यूएन न्यूज़ हिन्दी पॉडकास्ट, 3 अक्टूबर 2025

    इस साप्ताहिक बुलेटिन में शामिल हैं...युद्ध से बदहाल ग़ाज़ा में मातृत्व और प्रसव सेवाओं पर गहरा असर, बड़े पैमाने पर विस्थापन का सिलसिला भी है जारी.भारत में दुर्गा पूजा उत्सव, धर्म, कला और सामाजिक सन्देश का संगम …मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची का हिस्सा.दुनिया भर में, अरबों लोगों के जीवन से बिजली अब भी गुल, और कैसे होगी हर व्यक्ति की स्वच्छ उर्जा तक पहुँच…जानेंगे एसडीजीनामा में.औषधीय व सुगन्धित पौधे हैं स्वास्थ्य, विरासत और आजीविका का अनमोल भंडार, इन्हें सहेज कर रखा जाना है ज़रूरी.और विश्व अहिंसा दिवस पर, यूएन मुख्यालय में विशेष कार्यक्रम आयोजित, गाँधीजी की विचारधारा आज और भी प्रासंगिक.

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  6. ٢٠ سبتمبر

    बारिश, बाढ़, सूखा: असामान्य, असन्तुलित मौसमी बदलाव, बन गए हैं सामान्य स्थिति

    कहीं बाढ़, तो कहीं सूखा. या तो नदियों में बहुत अधिक जलस्तर है या फिर उसकी भीषण कमी महसूस की जा रही है. विश्व भर में ऐसे मौसमी रुझान देखने को मिल रहे हैं, जिनका पहले से अनुमान लगा पाना कठिन होता जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र की विश्व मौसम विज्ञान एजेंसी ने अपनी एक नई रिपोर्ट में चेतावनी जारी है कि 2024 में जल संसाधनों पर जलवायु परिवर्तन की वजह से गहरा दबाव रहा और चरम मौसम घटनाओं, जैसेकी सूखा, तूफ़ान या बाढ़ से समाजों और अर्थव्यवस्थाओं को नुक़सान पहुँचा. यूएन न्यूज़ हिन्दी के सचिन गौड़ ने इस रिपोर्ट पर और जानकारी के लिए मौसम विज्ञान संगठन की वैज्ञानिक अधिकारी सुलग्ना मिश्रा के साथ बात की.उन्होंने बताया कि ग्लेशियर क्षेत्रों में यह लगातार तीसरा वर्ष है जब व्यापक पैमाने पर हिमनदों का पिघलना जारी रहा. बाढ़, सूखे व बारिश के रुझानों में आ रहे बड़े, असामान्य बदलाव अब नई सामान्य स्थिति बनती जा रही है.

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