49 episodes

खिड़की, हिंदी साहित्य सभा, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, द्वारा प्रस्तुत किया गया, एक पॉडकास्ट है जो हमारे समाज के विभिन्न पहलुओं को समेटने जा रहा है जिन्हें हमने छोड़ दिया है। हम हिंदी और थोड़ी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करेंगे। आज की पीढ़ी किसी भी प्रकार के विचार-विमर्श के लिए खुली है, चाहे वह एक सामाजिक निषेध हो, या किसी मित्र के साथ जीवन पर एक छोटी सी बातचीत। हम किसी भी चीज़ पर चर्चा कर सकते हैं, एक खिड़की के दहलीज़ पर बैठकर, 'चाय-की-चुस्की' लेकर और नज़ारों का आनंद लेते हुए!

"एक नज़र खिड़की के उस पार, आइए मिलते हैं लेकर अपने विचार"

Khidki Bingepods

    • Society & Culture

खिड़की, हिंदी साहित्य सभा, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, द्वारा प्रस्तुत किया गया, एक पॉडकास्ट है जो हमारे समाज के विभिन्न पहलुओं को समेटने जा रहा है जिन्हें हमने छोड़ दिया है। हम हिंदी और थोड़ी अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करेंगे। आज की पीढ़ी किसी भी प्रकार के विचार-विमर्श के लिए खुली है, चाहे वह एक सामाजिक निषेध हो, या किसी मित्र के साथ जीवन पर एक छोटी सी बातचीत। हम किसी भी चीज़ पर चर्चा कर सकते हैं, एक खिड़की के दहलीज़ पर बैठकर, 'चाय-की-चुस्की' लेकर और नज़ारों का आनंद लेते हुए!

"एक नज़र खिड़की के उस पार, आइए मिलते हैं लेकर अपने विचार"

    Samlangik Samuday: Gauravanvit Samuday

    Samlangik Samuday: Gauravanvit Samuday

    समलैंगिक समुदाय : गौरवान्वित समुदाय

    खिड़की के इस एपिसोड के माध्यम से, यश साहू रिया और मोनिका बैरवा दुनिया को समलैंगिक समुदाय की कठिनाइयों से अवगत कराने का प्रयास करते हैं। वे समावेशिता और स्वीकृति के महत्व पर भी प्रकाश डालते हैं कि सभी व्यक्तियों को इस धरती को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए बढ़ावा देना चाहिए!

    • 9 min
    Mitti hai to kal hai

    Mitti hai to kal hai

    इस एपिसोड के माध्यम से स्नेहा और सिमरन ने यह बताने का प्रयास किया है कि आज हमारी पृथ्वी अनगिनत समस्याओं से जूझ रही है और मनुष्य भी उन सभी समस्याओं को अनगिनत तरीक़ों से नज़रंदाज़ कर रहा है।

    इस पॉडकास्ट में मिट्टी के महत्त्व व संरक्षण के बारे में चर्चा की गई है। हम आशा करते हैं कि आप सब भी कुछ क़दम उठाएँगे मिट्टी के संरक्षण के लिए क्योंकि 'मिट्टी से ही कल है'।

    • 9 min
    Manavta ki pukar

    Manavta ki pukar

    एक मानव की पहचान उसके भीतर बसी मानवता से होती है। लेकिन आज के कलयुगी समाज ने मानवता का अस्तित्व ही खतरे में डाल दिया है। इस एपिसोड के माध्यम से कल्पना, सुभांकर एवं तरनदीप ने इस समाज में दम तोड़ती मानवता की ओर ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया है। यह मानवता को बचाने की तरफ एक छोटा सा कदम है। तो आइए, मिलकर मानवता को बचाएँ।

    • 10 min
    Khushi ek disha hai, jagah nahi

    Khushi ek disha hai, jagah nahi

    खुशी सबसे अच्छी दवा है और हमारी सभी परेशानियों का समाधान है। अंतरराष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के इस शुभ अवसर पर, हिंदी साहित्य सभा के यश साहू आपके लिए लेकर आए हैं एक पॉडकास्ट, जिसमें वास्तविक खुशी क्या है, विभिन्न तथ्यों को बताते हुए और वास्तविक खुशी कैसे प्राप्त करें, इस पर एक खाके की पेशकश करने का प्रयास कर रहे हैं।

    • 9 min
    Holi: Anek rang soch ke sang

    Holi: Anek rang soch ke sang

    इस एपिसोड के माध्यम से महक, प्रियंका, समीक्षा और सुभांकर ने सभी श्रोताओं को होली से संबंधित विस्तृत जानकारी देने का प्रयास किया है। होली के अनेक रंगों, उनके सांस्कृतिक मूल्यों और अलग-अलग राज्यों में इस त्योहार को मनाने के तरीक़ों के बारे में विशेष रूप से बात की गई है। इसके अतिरिक्त, होली के कारण हो रहे प्रदूषण का भी उल्लेख किया गया है।

    • 9 min
    Ek Grihani ki gaatha

    Ek Grihani ki gaatha

    जिसके आँचल में केवल स्नेह है और मन में समर्पण,जिसके चेहरे पर भले ही थकान हो, पर आँखों में सुनहरी चमक, वह है एक गृहिणी।जो अपने परिवार के भविष्य के लिए ख़ुद का वर्तमान खो देती है, उनकी ख़ुशियों के लिए अपने दिन भर का आराम खो देती है फिर भी आज तक उसे वह सम्मान नहीं मिला जो वह पाना चाहती है।पता नहीं वह कैसे समाज की इस क्रूरता को सेह लेती है।तो चलो आज उस गृहिणी के जीवन के कुछ पन्नो को खोलते हैं,जानते हैं उसकी दुनिया को, और उसके मन के रहस्यों को ख़ुद से जोड़ते हैं।

    इस एपिसोड के माध्यम से सिमरन और उन्नति ने परिवार में एक गृहिणी की अहमियत दर्शाने का प्रयास किया है।

    • 8 min

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