Vimal Kumar Vimal Kumar
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- Arts
Poetry
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सौ खून माफ है इस अक्सीजन के
इस कविता में प्रेमी के लिए प्रेमिका खुद आक्सीजन बन गई है।क्या बिना अक्सीजन के कोई जी सकता है
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Poetry
सौ खून माफ है इस अक्सीजन के
इस कविता में प्रेमी के लिए प्रेमिका खुद आक्सीजन बन गई है।क्या बिना अक्सीजन के कोई जी सकता है