सुनि कान्हा तेरी बांसुरी - उमा भजन - कीर्तन - आरती
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सुनि कान्हा तेरी बांसुरी,बांसुरी तेरी जादू भरी॥ सारा गोकुल लगा झूमने,क्या अजब मोहिनी छा गयी,मुग्ध यमुना थिरकने लगी,तान बंसी की तड़पा गयी,छवि मन में बसी सांवरी। सुनि कान्हा तेरी बांसुरीबांसुरी तेरी जादू भरी हौले से कोई धुन छेड़ के,तेरी मुरली तो चुप हो गयी,सात सुर भंवर में कहीं,मेरे मन की तरी खो गयी,मैं तो जैसे हुई बावरी। सुनि कान्हा तेरी बांसुरी,बांसुरी तेरी जादू भरी। Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.
सुनि कान्हा तेरी बांसुरी,बांसुरी तेरी जादू भरी॥ सारा गोकुल लगा झूमने,क्या अजब मोहिनी छा गयी,मुग्ध यमुना थिरकने लगी,तान बंसी की तड़पा गयी,छवि मन में बसी सांवरी। सुनि कान्हा तेरी बांसुरीबांसुरी तेरी जादू भरी हौले से कोई धुन छेड़ के,तेरी मुरली तो चुप हो गयी,सात सुर भंवर में कहीं,मेरे मन की तरी खो गयी,मैं तो जैसे हुई बावरी। सुनि कान्हा तेरी बांसुरी,बांसुरी तेरी जादू भरी। Listen to Bhajan sung by Dr. Uma Shrivastava by clicking here.