15 min

शक्ति मां दिव्य इतिवृत्त‪।‬ Bhagwad Vani Shrot (भगवद वाणी श्रोत)

    • Hinduism

अपना मन खोल कर देखो कि क्या कभी अपने आप में कुछ इच्छा होती है मेरे लिये कुछ करने की? अर्थात मेरे आदेश को पूरा करने के लिये कुछ भी दे देने की, कुछ भी कर देने की।
तन-मन-धन सभी कुछ अपने लिये रख कर भी कहते हो की तुम्हारा इसमें कुछ भी अपना नहीं। सब कुछ मेरा ही है।
यह छद्म रूप बदल डालो, क्योंकि अब समय छद्म-रूपों पर चढ़े आवरण के उतरने का ही आ गया है; और इसके पहिले कि मैं तुम्हारे उन आवरणों को उतारूँ, अगर स्वयं ही अपना छद्म रूप छोड़ कर मेरे चरणों में आ जाओगे तो तुम्हारा वह साहस भी सत्य के स्वीकार जैसा ही होगा।

अपना मन खोल कर देखो कि क्या कभी अपने आप में कुछ इच्छा होती है मेरे लिये कुछ करने की? अर्थात मेरे आदेश को पूरा करने के लिये कुछ भी दे देने की, कुछ भी कर देने की।
तन-मन-धन सभी कुछ अपने लिये रख कर भी कहते हो की तुम्हारा इसमें कुछ भी अपना नहीं। सब कुछ मेरा ही है।
यह छद्म रूप बदल डालो, क्योंकि अब समय छद्म-रूपों पर चढ़े आवरण के उतरने का ही आ गया है; और इसके पहिले कि मैं तुम्हारे उन आवरणों को उतारूँ, अगर स्वयं ही अपना छद्म रूप छोड़ कर मेरे चरणों में आ जाओगे तो तुम्हारा वह साहस भी सत्य के स्वीकार जैसा ही होगा।

15 min