Bal Kaand Paath (Complete) बाल कांड पाठ (सम्पूर्ण‪)‬ Rajat Jain 🚩 #Chanting and #Recitation of #Jain & #Hindu #Mantras and #Prayers

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Bal Kaand Paath (Complete) बाल कांड पाठ (सम्पूर्ण) ★
‘रामायण’ के प्रथम भाग को "बालकाण्ड" के नाम से जाना जाता है। इस भाग में लगभग दो हजार दो सौ अस्सी श्लोक हैं। इस भाग का संक्षिप्त वर्णन देवर्षि नारद ने महर्षि वाल्मीकि को सुनाया था। बालकाण्ड के प्रथम सर्ग आदिकाव्य में माँ निषाद तथा दूसरे सर्ग में क्रौंचमिथुन की विवेचना की गई है। तीसरे व चौथे सर्ग में रामायण, रामायण की रचना तथा लव-कुश प्रसंग का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त दशरथ का यज्ञ, पुत्रों (राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न) का जन्म, राम व लक्ष्मण की विद्या, राक्षसों-वध, सीता विवाह आदि का विस्तार पूर्वक विवरण मिलता है।

★ बालकाण्ड का लाभ (Benefits of Balkand)

बालकाण्डे तु सर्गाणां कथिता सप्तसप्तति:।
श्लोकानां द्वे सहस्त्रे च साशीति शतकद्वयम्॥

रामायण की पूरी कहानी की रूपरेखा यहीं से शुरु होती है। धार्मिक दृष्टि से रामायण के बालकाण्ड अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। बृहद्धर्मपुराण के अनुसार इस काण्ड का पाठ करने से समस्त पीड़ा व दुखों से मुक्ति मिलती है।

Bal Kaand Paath (Complete) बाल कांड पाठ (सम्पूर्ण) ★
‘रामायण’ के प्रथम भाग को "बालकाण्ड" के नाम से जाना जाता है। इस भाग में लगभग दो हजार दो सौ अस्सी श्लोक हैं। इस भाग का संक्षिप्त वर्णन देवर्षि नारद ने महर्षि वाल्मीकि को सुनाया था। बालकाण्ड के प्रथम सर्ग आदिकाव्य में माँ निषाद तथा दूसरे सर्ग में क्रौंचमिथुन की विवेचना की गई है। तीसरे व चौथे सर्ग में रामायण, रामायण की रचना तथा लव-कुश प्रसंग का वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त दशरथ का यज्ञ, पुत्रों (राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न) का जन्म, राम व लक्ष्मण की विद्या, राक्षसों-वध, सीता विवाह आदि का विस्तार पूर्वक विवरण मिलता है।

★ बालकाण्ड का लाभ (Benefits of Balkand)

बालकाण्डे तु सर्गाणां कथिता सप्तसप्तति:।
श्लोकानां द्वे सहस्त्रे च साशीति शतकद्वयम्॥

रामायण की पूरी कहानी की रूपरेखा यहीं से शुरु होती है। धार्मिक दृष्टि से रामायण के बालकाण्ड अत्यंत महत्त्वपूर्ण है। बृहद्धर्मपुराण के अनुसार इस काण्ड का पाठ करने से समस्त पीड़ा व दुखों से मुक्ति मिलती है।