Poem 20: AB TAK 19 Zindagi Diaries
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- Performing Arts
अब तक 19.. आप सभी ने दिया है ज़िन्दगी डायरीज़ के 19 पन्नों तक मेरा साथ। मैनें आपके साथ बांटी 19 कवितायें.... क्योंकि खुशी और ग़म में अक्सर 19-20 का ही फर्क रह जाता, सब कुछ होने के बाद भी खुशी नहीं मिलती, और कभी कभी थोड़ी सी खुशी में जीवन जिया जा सकता है।
अब तक 19.. आप सभी ने दिया है ज़िन्दगी डायरीज़ के 19 पन्नों तक मेरा साथ। मैनें आपके साथ बांटी 19 कवितायें.... क्योंकि खुशी और ग़म में अक्सर 19-20 का ही फर्क रह जाता, सब कुछ होने के बाद भी खुशी नहीं मिलती, और कभी कभी थोड़ी सी खुशी में जीवन जिया जा सकता है।
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