Ravi Saying Ravi ranjan
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Poems, stories and Romance !
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मैं सिग्नल हुं
कभी कभी मैं ट्रैफिक सिग्नल जैसा होता हूं,
कभी रुका हुआ,कभी भागता हुआ कभी लाल कभी हरा हो जाता हूं
कभी मेरी साईकल के टायर की तरह
गोल गोल घूमता रहता किसी एक ही विचार में
फिर उसमें ग़लतफ़हमी का स्पीड ब्रेकर आजाता
और कभी अपेक्षाओं का पंक्चर पड़ जाता
कभी में डामर की तपती सड़क हो जाता और कभी उसी सड़क पर बारिश गिरती है कभी सपनों के जैसे फूलों की बौछार होती
कभी कामुक्ता के हॉर्नी हॉर्न बजते
चालू सायकिल पर सितारे दिखते
ज़ेबरा क्रासिंग पर बिंदास्त चलता
कभी, कभी यहाँ रुकना मना है को स्वीकारना पड़ता
मैं रास्ता बन जाता हूं पर एक्सप्रेस हाईवे नही बन पाता -
तुम्हारी याद
तुम्हारी याद जैसे
बूंदों का समंदर तक का प्रयाण
दीवारों में लिखे प्रेमियों के नाम
खण्डहरों में होती शाम -
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दिसंबर-मानव कौल, रवि रंजन
आज कुछ बेहद नीरस है,
जैसे तुम्हारे शरीर के वो बारह तिल
वो बारह तिल बारह महीनों की तरह है
में हमेशा से साल बचाना चाहता था
में कसकर मुट्ठी भींचता मगर हर महीना दो उंगलियों के बीच से हस्ता हुआ फिसल जाता हर बार
साल खत्म होने पर जब में मुट्ठी खोलता तो
ग्यारह तिल जा चुके होते थे
मगर एक दिसंबर न फसा रह जाता था रेखाओं में कहीं हमेशा
वो दिल्ली में दिसम्बर की ठंड थी , जब हमने आखरी बार गले लग कर एक दूसरे को विदा कहा था ।
उस धुंध में तुम्हारे मफ़लर से झाँकता हुआ ।तुम्हारी गर्दन पर बैठा वो दिसंबर का तिल
तुम्हारे जाने के बाद रह गया था मेरे पास
साल बड़ी आसानी से खत्म हो जाते है
मगर दिसंबर हाथ नही छोड़ता है
आज भी । -
In your arms,Miklos radnoti,Ravi ranjan
In your Arms
I sleep in your arms,
it's quiet.
You sleep in my arms,
it's quiet.
I'm a child in your arms
who is silent.
You are a child in my arms
I listen.
You hold me in your arms when I'm afraid. I hold you in my arms. I'm not afraid.
In your arms even the great silence of death can't scare me In your arms I'll survive death. It's a dream.
-Miklos radnoti