Ek Bakhat Ki Baat Aaj Tak Radio
-
- Society & Culture
Welcome to 'Ek Bakhat Ki Baat', where we unravel the untold tales of pivotal historical moments that shaped the course of business and sports. In each episode, we navigate the twists of fate that altered the trajectory of the whole story. 'Ek Bakhat Ki Baat' invites you to witness the convergence of passion, strategy, and destiny that forever etched these extraordinary stories into the annals of human achievement. Embark on a voyage where the past becomes the present, and the present reshapes the future.
कुछ किस्से ऐसे होते हैं जिनका मुकद्दर लम्हों में तय होता है. एक फ़ैसला, ज़िद्द या घटना वक्त की धार बदल देती है. ‘एक बखत की बात है’ में हम लेकर आए हैं आपके लिए कुछ ऐसी ही चुनिंदा ऐतिहासिक कहानियां, जिसे सुनकर आप भी कहेंगे, “अगर तब वैसा न हुआ होता तो आज ऐसा न हुआ होता”.
-
एक खिलाड़ी ने कैसे बदल दी जूतों की दुनिया?: एक बखत की बात, Ep 14
जूते और जॉर्डन की कहानी एक साथ शुरू हुई थी, नाइकी ने एक युवा खिलाड़ी पर भरोसा जताया था, जॉर्डन ने बदले में एयर जॉर्डन को दुनिया का सबसे बड़ा स्निकर ब्रैंड बनाया MJ और एयर जॉर्डन एक दूसरे के पर्याय थे.MJ से पहले स्निकर्स सिर्फ़ बास्केटबॉल खेलने के लिए पहना जाता था. अब ये फैशन का हिस्सा है और ये सब कैसे शुरू हुआ, सुनिए किस्सा 'एक बखत की बात' में जमशेद क़मर सिद्दिक़ी से.
रिसर्च- कुंदन
साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह -
मुंबई की चोरियों ने कैसे खोला गोदरेज की क़िस्मत का ताला?: एक बखत की बात, Ep 12
वकालत से आर्देशिर गोदरेज का मन नहीं मिला, नौकरी ने भी उन्हें उत्साहित नहीं किया, जब पहला धंधा शुरू किया तो बिज़नेस पार्टनर से ठन गई. गोदरेज पहली सफ़लता के लिए बेचैन हो रहे थे. हर चीज़ को मौके की नज़र से देखते थे. आज हम जिसे आन्ट्रप्रनर कहते हैं, वो असल मायने में एक आन्ट्रप्रनर थे, उन्हें पहली सफ़लता मिली एक ख़बर की वजह से, क्या है पूरा किस्सा सुनिए 'एक बखत की बात' में नितिन ठाकुर से.
प्रोड्यसूर- कुंदन
साउंड मिक्सिंग- कपिल देव सिंह -
एक सवाल की वजह से टूट गई 28 साल पुरानी बर्लिन की दीवार?: एक बखत की बात, Ep 11
एडोल्फ हिटलर के बाद का जर्मनी चार टुकड़ों में बांटा गया. विजेता अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और सोवियत यूनियन के बीच. राजधानी बर्लिन की भी चार फांकें की गईं.. लेकिन जब कुछ सालों बाद इन देशों की सेनाएं लौट गई तो जर्मनी के चार से दो ही हिस्से रह गए. एक हिस्सा वो जिसे पश्चिमी देश छोड़ गए.. जबकि दूसरा वो जिस पर अभी भी सोवियत यूनियन काबिज़ था.दोनों हिस्सों का एडमिनिस्ट्रेशन दो अलग अलग जर्मन चांसलर संभालते थे और इसे एक दीवार ने बर्लिन को बांट रखा था, इसके बनने और टूटने की कहानी सुनिए, एक बखत की बात में नितिन ठाकुर से.
प्रोड्यसर- कुंदन
साउंड मिक्स- सचिन द्विवेदी -
शैतान को अपनी ज़िंदगी बेच कर गिटार सीखने वाला सिंगर?: एक बखत की बात, Ep 10
दुनिया में एक आर्टिस्ट आया था रॉबर्ट जॉनसन नाम का, उसकी ज़िंदगी ऐसी थी कि उससे जुड़ी शैतान की कहानी भी भरोसे लायक लगती है, न पैदा होने की तारीख का पता न ये मालूम मरा कब, उसकी ज़िंदगी के बारे में कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता, 27 साल की उम्र में उसकी मौत हो गई, शोहरत भी मिली तो दुनिया को छोड़ने के बाद, कैसे रॉबर्ट जॉनसन ने संगीत की दुनिया को हमेशा के लिए बदल दिया और उसके शैतान से जुड़ा किस्सा क्या है, सुनिए एक बखत की बात में, नितिन ठाकुर के साथ.
प्रोड्यूसर- कुंदन
साउंड मिक्सिंग- कपिल देव सिंह
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
Reference-
Up Jumped the Devil: The Real Life of Robert Johnson- Gayle Dean Wardlow -
मर्डर करके बताता रहा सीरियल किलर लेकिन 30 साल तक पुलिस पकड़ क्यों नहीं पाई?: एक बखत की बात, Ep 09
पहले बांधना, फिर टॉर्चर और आख़िर में क़त्ल और सबकुछ के बाद पुलिस को इसकी सूचना देना, ये इस सीरियल किलर का तरीका था. अपनी सेक्सुअल फैंटसी के लिए BTK ने कई महिलाओं को बेरहमी से मारा था, उसकी वजह से पूरा शहर दशकों तक दशहत में रहा BTK आज भी नहीं पकड़ा जाता, अगर उसने ख़ुद एक ग़लती न की होती, पुलिस के जाल में नहीं फंसता अगर उनके झूठे वादे पर भरोसा कर टेक्नॉलिजी का इस्तेमाल न किया होता. उसकी पहचान कभी न खुलती अगर उसने ईगो न पाला होता, ‘एक बखत की बात’ में सुनिए 30 सालों तक पुलिस से चूहे-बिल्ली का खेल खेलना वाले सीरियल किलर का किस्सा.
प्रोड्यूसर- कुंदन
साउंड मिक्सिंग- सचिन द्विवेदी
Reference
Bind, Torture, Kill- Tim Potter
Confession of a Serial Killer- Katherine Ramsland -
सेक्स स्कैंडल में फंसा बेटा और बाप के हाथ से प्रधानमंत्री की कुर्सी निकल गई!: एक बखत की बात, Ep 08
नेशनल हैराल्ड का दिल्ली ऑफ़िस में एडिटर खुशवंत सिंह के पास एक लिफ़ाफ़ा आया उसमें कुछ फ़ोटोग्राफ़्स थे, फ़ोटो में एक लड़के और लड़की की इंटिमेट मोमेंट्स उतारे गए थे. खुशवंत सिंह उन फ़ोटोज़ के साथ इंदिरा गांधी के पास ले गए. राजनीतिक पंडितों का कहना है कि अगर यदि ये फ़ोटो अगर फोटो में दिख रहा लड़का देश की रक्षा मंत्री का बेटा न होता, यदी ये फोटो लीक होकर अख़बारों तक नहीं पहुंची होती, यदि बाबू जी कहे जाने वाले जगजीवन राम शायद 80 की दशक में देश को पहला दलित प्रधानमंत्री मिल जाता, 'एक बखत की बात में' नितिन ठाकुर से सुनिए किस्सा जगजीवन राम के बार-बार प्रधानमंत्री न बन पाने का.
नोट- कहानी को रोचक बनाने के लिए कुछ हिस्सों में नाटकीयता का सहारा लिया गया है.
Book References:
How Prime Ministers Decide- Neerja Chowdhury
Truth, Love & a Little Malice- Khushwant Singh
All The Janata Men- Janardan Thakur
Courting Destiny- Shanti Bhushan
प्रड्यूस- कुंदन
साउंड मिक्स- कपिल देव सिंह