संयुक्त राष्ट्र समाचार - वैश्विक परिप्रेक्ष्य United Nations
-
- News
-
वैश्विक परिप्रेक्ष्य मानव कहानियां
-
भारत: यूएन के अन्दर और बाहर, महिला अधिकार सुनिश्चित करने के प्रयास
संयुक्त राष्ट्र, अपनी विभिन्न संस्थाओं के ज़रिए, महिलाओं के किसी भी तरह के शोषण व दुर्व्यवहार से निपटने के प्रयास करता है, वहीं कई बार ऐसे भी मामले सामने आते हैं, जहाँ ख़ुद यूएन से जुड़े व्यक्ति, अपने पद का दुरुपयोग करते हुए, महिला अधिकारों के हनन व यौन उत्पीड़न में संलिप्त पाए जाते हैं. ऐसे में, विश्व भर में और भारत में स्थित संयुक्त राष्ट्र में भी, यौन उत्पीड़न व दुर्व्यवहार की रोकथाम के लिए कई क़दम उठाए गए हैं.
भारत में संयुक्त राष्ट्र में यौन शोषण व दुर्व्यवहार की रोकथाम पर क्या काम हुआ है, इससे सम्बन्धित विस्तृत जानकारी के लिए, यूएन न्यूज़ हिन्दी की सहयोगी अंशु शर्मा ने, भारत स्थित यूएन कार्यालय में अन्तर एजेंसी पीसीईए (PSEA) समन्वयक, वीनू कक्कड़ के साथ बातचीत की और जानना चाहा कि यूएन, अपने भीतर व यूएन के साथ काम करने वाली महिलाओं के अधिकार और सुरक्षा किस तरह सुनिश्चित करता है... -
कृत्रिम बुद्धिमता का बढ़ता इस्तेमाल, मगर मानव निगरानी बेहद अहम
कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) टैक्नॉलॉजी का इस्तेमाल व्यापक क्षेत्रों में तेज़ी से हो रहा है, विशेष रूप से सैन्य उद्देश्यों के लिए. मगर, सिविल उद्देश्यों और रणभूमि व हथियार प्रणालियों में एआई टैक्नॉलॉजी के उपयोग को मानव देखरेख के दायरे में लाया जाना ज़रूरी है.
संयुक्त राष्ट्र निरस्त्रीकरण शोध संस्थान (UNIDIR) में एसोसिएट रिसर्चर शिमोना मोहन ने यूएन न्यूज़ के साथ एक बातचीत में बताया कि कुछ ही सालों में टैक्नॉलॉजी में निरन्तर बदलाव आ रहे हैं, और इसलिए उन्हें परिभाषित करने के बजाय उनकी चारित्रिक विशेषताओं (characteristics) को देखकर ही नीतिगत व नियामन समाधान तैयार किए जाने होंगे.
उन्होंने कहा कि एआई टैक्नॉलॉजी को विकसित करने की प्रक्रिया में लैंगिक परिप्रेक्ष्य का ध्यान रखा जाना भी अहम है, ताकि पूर्वाग्रहों और महिलाओं या बच्चों पर इसके हानिकारक प्रभावों से बचा जा सके. -
यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 22 मार्च 2024
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
ग़ाज़ा में युद्ध के कारण, उत्तरी इलाक़े में भुखमरी के हालात, यूएन टीमों ने जताया गहरा क्षोभ.
युद्धविराम की ज़रूरत बताने वाला अमेरिकी प्रस्ताव, सुरक्षा परिषद में नाकाम.
यूक्रेन में बिजली संयंत्रों पर रूसी हमलों की कड़ी निन्दा, 15 लाख लोगों की बिजली आपूर्ति ठप.
जलवायु परिवर्तन के मुख्य संकेतकों ने फिर से किए नए रिकॉर्ड स्थापित, WMO की एक रिपोर्ट.
म्याँमार में, सैन्य बलों द्वारा आम नागरिकों के साथ की जा रही ‘क्रूरताओं’ को रोके जाने की पुकार.
और सुनिएगा एक विशेष बातचीत – लैंगिक समानता और महिला मज़बूती विषय पर- कान्ता सिंह के साथ, जोकि – भारत में UN Women की उप अध्यक्ष हैं. -
#CSW68: महिला मज़बूती पर, भारत में प्रगति की रफ़्तार तेज़, UN Women
महिलाओं की स्थिति पर आयोग (CSW68) की वार्षिक 68वीं बैठक, यूएन मुख्यालय में 11 से 22 मार्च तक आयोजित हुई, जिसमें दुनिया भर से, महिला मज़बूती और लैंगिक समानता के पैरोकारों ने शिरकत की. भारत में यूएन वीमैन की उप अध्यक्ष कान्ता सिंह भी इस बैठक में शिरकत करने के लिए, यूएन मुख्यालय में मौजूद थीं. हमने उनसे बात की और जानना चाहा कि यूएन मुख्यालय में, लैंगिक समानता और महिला मज़बूती के लिए, इस वैश्विक पंचायत में उनका अनुभव कैसा रहा और भारत में इस क्षेत्र में हो रही प्रगति का स्तर क्या है...
-
यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 15 मार्च 2024
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
ग़ाज़ा युद्ध के बीच विशाल ज़रूरतमन्द आबादी तक मानवीय सहायता पहुँचाने के रास्ते में चुनौतियाँफ़लस्तीनी शऱणार्थियों के लिए यूएन एजेंसी ने कहा, ग़ाज़ा में युद्ध बच्चों पर छेड़ा गया युद्ध है यूक्रेन में रूसी सैन्य बलों द्वारा युद्ध बन्दियों को यातना दिए जाने के मामलों में सामने आए नए साक्ष्य धनी देशों में मानव विकास ने छुई नई ऊँचाई, मगर सबसे निर्धन देशों के लिए गहरा झटका, यूएन विकास कार्यक्रम की नई रिपोर्टबाल मृत्यु मामलों में कमी लाने के प्रयासों को मिल रही है सफलता, मगर एक लम्बा सफ़र अभी बाक़ीहेती में आपराधिक गुटों की बढ़ती पकड़, ज़रूरतमन्दों की सहायता के लिए यूएन एजेंसियों के प्रयास जारी -
यूएन न्यूज़ हिन्दी बुलेटिन, 8 मार्च 2024
इस साप्ताहिक बुलेटिन की सुर्ख़ियाँ...
ग़ाज़ा के रफ़ाह में, इसराइल के आशंकित हमले की स्थिति में, बड़ी संख्या में लोगों की मौतें होने का डर, इस बीच भोजन नहीं मिलने के कारण, लाखों लोगों की हालत बेहद गम्भीर.महिला मज़बूती के लिए, संयुक्त राष्ट्र का एक नया कार्यक्रम, अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं में निवेश बढ़ाने की मुहिम भी.अफ़ग़ानिस्तान में अनेक आर्थिक चुनौतियों से स्थिति गम्भीर, महिलाओं पर से पाबन्दियाँ हटाए जाने की पुकार.ड्रग्स का धन्धा करने वाले आपराधिक गुटों की, ऑनलाइन मौजूदगी बढ़ने पर चिन्ता.बेहतर जीवन की तलाश में, अन्य देशों की जोखिम भरी यात्रा करने वालों के लिए, 2023 रहा सबसे घातक साल.
Customer Reviews
UN news
I luv international news