3 min

Ayodhaya Dharm Aur Sanskriti Ki Gatha - Aks Kavita Path

    • Performing Arts

Listen in to a recitation of the poem "Ayodhaya Dharm Aur Sanskriti Ki Gatha" written by Aks.



Lyrics in Hindi:



सुना नहीं शायद तुमने फैसला न्यायालय का,राम लला हैं विराजमान, देव भूमि है जन्मस्थान।

अयोध्या की इस पावन धरा पर,इतिहास के पन्नों में मिलता संस्कृति का सार।

जहां राम की पदचाप से, मिटते सभी अंधकार,वहीं उजाला फैला हर घर, हर द्वार।

न्याय की इस जीत ने जोड़ा हर दिल,अयोध्या अब बन गयी है आस्था का गिल।



धरा पर जहाँ धर्म और आदर्श की ज्योत जली,वहां राम की महिमा से बदली हर गली।

सदियों से जो गूँज रहा था हर हृदय में,अब लय मिली, अनुराग मिला, इस अद्भुत छवि में।

राम के चरणों में जहाँ बसती है संस्कृति,उस अयोध्या में है हर रंग, हर ऋतु की सुगंधित वृत्ति।

समय की धारा में भी, यहाँ अटल है आस्था,जहां एकता और प्रेम का, बहता निर्मल वास्ता।



अयोध्या की इस धरा पर, जहाँ हर दिन है दिवाली,राम राज्य की इस भूमि पर, जहाँ प्रेम है अति विशाली।

इस पावन भूमि की महिमा, अनंत काल तक गूँजे,जहां हर भाव, हर कर्म, राम के नाम को दूँजे।

वहां प्रकृति भी गाती है, रामायण के गीत सुनहरे,अयोध्या की इस पावन भूमि पर, जहाँ सदा सत्य के दीप जले।

अयोध्या, जहां धर्म और इतिहास का, मिलता है संगम,जहां हर रंग है राम का, जहां हर ध्वनि में है राम का दम।



यह अयोध्या की गाथा, जो हृदय में बस जाती है,

जीवन के हर पथ पर, जो सत्य और धर्म की राह दिखाती है।

इस गाथा में समाया सभी का प्यार, यहाँ की मिट्टी में है संस्कार,

सद्भावना और प्रेम का संचार, यही अयोध्या का है आधार।


---

Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kavita-path/message

Listen in to a recitation of the poem "Ayodhaya Dharm Aur Sanskriti Ki Gatha" written by Aks.



Lyrics in Hindi:



सुना नहीं शायद तुमने फैसला न्यायालय का,राम लला हैं विराजमान, देव भूमि है जन्मस्थान।

अयोध्या की इस पावन धरा पर,इतिहास के पन्नों में मिलता संस्कृति का सार।

जहां राम की पदचाप से, मिटते सभी अंधकार,वहीं उजाला फैला हर घर, हर द्वार।

न्याय की इस जीत ने जोड़ा हर दिल,अयोध्या अब बन गयी है आस्था का गिल।



धरा पर जहाँ धर्म और आदर्श की ज्योत जली,वहां राम की महिमा से बदली हर गली।

सदियों से जो गूँज रहा था हर हृदय में,अब लय मिली, अनुराग मिला, इस अद्भुत छवि में।

राम के चरणों में जहाँ बसती है संस्कृति,उस अयोध्या में है हर रंग, हर ऋतु की सुगंधित वृत्ति।

समय की धारा में भी, यहाँ अटल है आस्था,जहां एकता और प्रेम का, बहता निर्मल वास्ता।



अयोध्या की इस धरा पर, जहाँ हर दिन है दिवाली,राम राज्य की इस भूमि पर, जहाँ प्रेम है अति विशाली।

इस पावन भूमि की महिमा, अनंत काल तक गूँजे,जहां हर भाव, हर कर्म, राम के नाम को दूँजे।

वहां प्रकृति भी गाती है, रामायण के गीत सुनहरे,अयोध्या की इस पावन भूमि पर, जहाँ सदा सत्य के दीप जले।

अयोध्या, जहां धर्म और इतिहास का, मिलता है संगम,जहां हर रंग है राम का, जहां हर ध्वनि में है राम का दम।



यह अयोध्या की गाथा, जो हृदय में बस जाती है,

जीवन के हर पथ पर, जो सत्य और धर्म की राह दिखाती है।

इस गाथा में समाया सभी का प्यार, यहाँ की मिट्टी में है संस्कार,

सद्भावना और प्रेम का संचार, यही अयोध्या का है आधार।


---

Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/kavita-path/message

3 min