Padhaku Nitin

Padhaku Nitin

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

  1. Trump अब Putin से NATO को भिड़ाएंगे और क्या India के लिए फैसले की घड़ी आ गई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 220

    1 DAY AGO

    Trump अब Putin से NATO को भिड़ाएंगे और क्या India के लिए फैसले की घड़ी आ गई?: पढ़ाकू नितिन, Ep 220

    डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है. अगर पुतिन ने यूक्रेन के साथ शांति नहीं की, तो रूस और उसके साथियों को भारी कीमत चुकानी होगी. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा, अमेरिका यूक्रेन को एडवांस हथियार और लंबी दूरी की मिसाइलें देगा लेकिन इनकी क़ीमत यूरोपीय देश मिलकर चुकाएंगे और इसी के साथ NATO फिर से चर्चा में है, वही NATO, जिससे इस जंग की शुरुआत जुड़ी थी. तो क्या 50 दिन बाद जंग थमेगी या और भड़केगी? क्या अमेरिकी हथियार यूक्रेन के लिए गेम चेंजर बनेंगे या रूस और आक्रामक हो जाएगा? और भारत के लिए क्या अब तटस्थ रह पाना मुश्किल हो जाएगा? सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1h 1m
  2. Lal Bahadur Shastri के साथ Tashkent में क्या हुआ और Russia को क्या पहले से सब पता था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 219

    3 DAYS AGO

    Lal Bahadur Shastri के साथ Tashkent में क्या हुआ और Russia को क्या पहले से सब पता था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 219

    2 अक्टूबर 1904 को मुग़लसराय में जन्मे लाल बहादुर शास्त्री भारतीय राजनीति की मिसाल हैं सादगी, ईमानदारी और नेतृत्व के प्रतीक. 1965 के भारत-पाक युद्ध में "जय जवान, जय किसान" का नारा देने वाले शास्त्री जी ने देश को मुश्किल समय में संभाला. 10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौते पर दस्तखत हुए, लेकिन उसी रात खबर आई “प्रधानमंत्री नहीं रहे”. कहा गया दिल का दौरा पड़ा, लेकिन आज भी कई सवाल ज़िंदा हैं. हमारे साथ हैं लेखक अनुज धर, जिनकी किताब Your Prime Minister is Dead शास्त्री जी की मौत पर सवाल उठाती है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1h 24m
  3. Panchayat 5 में Vikash क्या करेगा और Phulera में Pradhan Ji का हारना क्यों ज़रूरी था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 218

    10 JUL

    Panchayat 5 में Vikash क्या करेगा और Phulera में Pradhan Ji का हारना क्यों ज़रूरी था?: पढ़ाकू नितिन, Ep 218

    वो लोग जो बरसों पहले काम, अवसर या शिक्षा की तलाश में अपने गाँवों को छोड़ शहरों की ओर चले गए या किसी और मजबूरी के कारण उन्होंने आज भी अपने भीतर गांव को बचाए रखने की कोशिशें नहीं छोड़ीं. टीवीएफ़ की 'पंचायत' भी ऐसी ही एक कोशिश है. इसे देखने वाला हर शख़्स फुलेरा में कहीं न कहीं अपना गाँव तलाशता है. गलियों में, शादियों में, पंचायत भवन में या प्रधानी के चुनाव में. फुलेरा में रहने वाले हर किरदार को लोग अपना सा मान लेते हैं. ऐसे ही एक प्यारे किरदार हैं हमारे उप-सचिव विकास और इनका असली नाम है चंदन रॉय, सुनिए ‘पढ़ाकू नितिन’ में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    42 min
  4. Trump की Tarrif War से India क्यों नहीं डरता और Dollar से क्यों नहीं लड़ पा रहा BRICS?: पढ़ाकू नितिन, Ep 217

    8 JUL

    Trump की Tarrif War से India क्यों नहीं डरता और Dollar से क्यों नहीं लड़ पा रहा BRICS?: पढ़ाकू नितिन, Ep 217

    एक समय था जब दुनिया दो ध्रुवों में बंटी हुई थी. एक ओर था अमेरिका के नेतृत्व वाला पश्चिम और दूसरी ओर सोवियत संघ. फिर वक्त बदला, दीवारें गिरीं, पुराने गठबंधन टूटे और नए गठबंधन बनते गए. जो जहां हित साधता दिखा, वहीं जुड़ता चला गया, चाहे वो आर्थिक हित हों या सामरिक. इसी दौर में चार देशों ने मिलकर एक गठबंधन बनाया — BRIC: ब्राज़ील, रूस, भारत और चीन. फिर साउथ अफ्रीका जुड़ा और बन गया BRICS. बाद में और देश जुड़े, पर नाम वही रहा. इस समूह का मक़सद था अमेरिकी डॉलर की सर्वोच्चता को चुनौती देना. कभी जो साझेदारी एक सपना लगती थी आज वही अमेरिका की आंखों में चुभ क्यों रही है, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1h 7m
  5. Zohran Mamdani क्या बदल सकते हैं USA की Politics और New York अपने Mayor से क्या चाहता है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 216

    1 JUL

    Zohran Mamdani क्या बदल सकते हैं USA की Politics और New York अपने Mayor से क्या चाहता है?: पढ़ाकू नितिन, Ep 216

    अमेरिका में चुनाव होता है तो उसका असर पूरी दुनिया पर पड़ता है. इस बार राष्ट्रपति चुनाव नहीं, न्यूयॉर्क में मेयर का चुनाव है और डेमोक्रेटिक पार्टी से ज़ोहरान ममदानी का उम्मीदवार बनना लगभग तय है. 2018 में नागरिक बने ममदानी, आज अमेरिका की राजनीति के चर्चा में हैं. अपने कैंपेन, रैप और डेटिंग ऐप से हुई शादी तक की वजह से. वो न्यूयॉर्क जैसे शहर में फ्री सुविधाओं की बात कर रहे हैं. जो कि कैपिटलिज़्म की राजधानी माना जाता है. इस एपिसोड में हमारे साथ हैं प्रो. डॉ. मुक्तदर खान, जो बताएंगे कि ममदानी कैसे उभरे, ट्रंप ने उन्हें "Communist Lunatic" क्यों कहा और मोदी से वो दूरी क्यों बनाए रखना चाहते हैं, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1h 17m
  6. Shubhanshu Shukla को ISRO ने क्या काम दिया है और NASA क्यों Space Station तोड़ेगा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 215

    26 JUN

    Shubhanshu Shukla को ISRO ने क्या काम दिया है और NASA क्यों Space Station तोड़ेगा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 215

    1984 में जब राकेश शर्मा से पूछा गया कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है, तो जवाब था — 'सारे जहां से अच्छा'. वो लम्हा इतिहास बन गया. अब चार दशक बाद, एक और आवाज़ आई है — “Namaskar from space!” ये थे ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला. अमेरिका की प्राइवेट कंपनी Axiom Space ने भेजा है. फिर भी ये भारत के लिए बड़ी बात है, क्योंकि आगे है मिशन गगनयान, भारत अब अपने दम पर इंसान को अंतरिक्ष में भेजने की तैयारी में है. तो सवाल ये है: शुभांशु की उड़ान क्या गगनयान की तैयारी का हिस्सा है? ISS का भविष्य क्या है? भारत इस दौड़ में कहां है, और चीन कितना आगे निकल चुका है? क्या भविष्य प्राइवेट स्पेस कंपनियों का होगा? इन सब सवालों के जवाब आज पढ़ाकू नितिन में तलाशेंगे, हमारे साथ हैं वरिष्ठ साइंस जर्नलिस्ट दिनेश सी. शर्मा. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    57 min
  7. Trump का दिखावा, Israel की थकान, Iran का बदला, Russia की लाचारी और India की दूरी: पढ़ाकू नितिन, Ep 214

    24 JUN

    Trump का दिखावा, Israel की थकान, Iran का बदला, Russia की लाचारी और India की दूरी: पढ़ाकू नितिन, Ep 214

    जी-7 मीटिंग के बीच ट्रंप उठकर चले गए और जाते-जाते बोले – अब सिर्फ़ शांति नहीं, कुछ बड़ा होगा. कुछ घंटे बाद अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर हमला कर दिया. टेल अवीव में बैनर लगे – “Mr. President, Finish The Job.” इज़राइल चाहता है आर-पार की लड़ाई, ट्रंप ने दे दिया ‘रेजीम चेंज’ का इशारा. अब सवाल ये है: ईरान का जवाब क्या होगा? क्या अमेरिका वाकई अजेय है? और भारत की चुप्पी दुनिया को क्यों चुभ रही है?, सुनिए 'पढ़ाकू नितिन' में प्रो. मोहसिन रज़ा के साथ हुई इस बातचीत को. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    1h 12m
  8. LGBTQ+ Community की History, Transgenders की पहचान और Pride Month के बाद की कोशिशें: पढ़ाकू नितिन, Ep 213

    22 JUN

    LGBTQ+ Community की History, Transgenders की पहचान और Pride Month के बाद की कोशिशें: पढ़ाकू नितिन, Ep 213

    जून 1969 में न्यूयॉर्क के स्टोनवॉल इन में हुई एक पुलिस रेड ने LGBTQ+ आंदोलन को जन्म दिया. एक साल बाद, दुनिया की पहली प्राइड परेड निकली, एक ऐसा मार्च जिसने बताया कि अपने अस्तित्व पर गर्व करना चाहिए. ये आंदोलन अब पूरी दुनिया में फैल चुका है. भारत के छोटे-छोटे शहरों तक और आज हम बात कर रहे हैं उस आवाज़ से, जिसने खुद के लिए नहीं, बल्कि पूरे समुदाय के लिए रास्ता बनाया ट्रांसजेंडर मॉडल और एक्टिविस्ट, रुद्राणी छेत्री के साथ 'पढ़ाकू नितिन' में हुई इस बातचीत में सुनिए. Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    56 min
4.8
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66 Ratings

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Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein. कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है? भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

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