Padhaku Nitin Aaj Tak Radio
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- History
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Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.
कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?
भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.
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जलियाँवाला बाग के चश्मदीद नानक सिंह की किताबें क्या बताती हैं?: पढ़ाकू नितिन, Ep 139
लेखक अपने समय का इतिहासकार है। पंजाबी लेखक नानक सिंह भी वही थे। उन्होंने जलियांवाला से लेकर पंजाब का विभाजन तक अपनी आंखों से देखा। उसके बारे में कहानी-किस्से-उपन्यास लिखे। उन्हीं नानक सिंह के पोते पूर्व डिप्लोमेट नवदीप सूरी ने हमसे साझा किया कि उनके दादा उस हिंदुस्तान के बारे में क्या कहते थे जिसे बस हम किताबों में पढ़ते हैं।
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं -
रामसेतु पर चलकर श्रीलंका आते-जाते थे लोग?: पढ़ाकू नितिन, Ep 138
भारत और श्रीलंका के बीच चूना पत्थरों की कड़ी को एडम्स ब्रिज या रामसेतु कहा जाता है. धार्मिक आख्यानों से लेकर पर्यावरणीय विविधता तक इसका महत्व झुठलाया नहीं जा सकता. ये भी बड़ी हकीकत है कि इस संरचना को लेकर भ्रम, सवाल, जिज्ञासा अनंत हैं. इन्हीं की शांति के लिए हमारे मेहमान बने हैं प्रो अरूप के चटर्जी, जिन्होंने एक किताब “एडम्स ब्रिज” भी लिखी है.
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बांग्लादेश- नेपाल ने ऐसा क्या किया कि भारत से आगे निकल गए?: पढ़ाकू नितिन, Ep 137
किसी देश के लिए इतना ही काफी नहीं कि वहां कितने अमीर बसते हैं, ज़रूरी ये आंकड़ा भी है कि कितने गरीब रहते हैं. महिला सुरक्षा, सेहत, शिक्षा, जीवन प्रत्याशा के नंबर भी बताते हैं कि देश किस राह पर है. स्वाति नारायण ने एक किताब लिखी है 'Unequal', जिसकी चर्चा संसद तक में है. किताब का दावा है कि बहुत से इंडिकेटर्स में भारत के पड़ोसी उसे पछाड़ रहे हैं. ये किताब चिंता पैदा करती है और ये चाह भी कि गड़बड़ियों को दुरुस्त करके आगे बढ़ा जाए.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं. -
चुनावी चंदा, EVM पर शक़, इलेक्शन कमीशन की बेबसी! : पढ़ाकू नितिन Ft. SY Quraishi, Ep 136
कहते हैं कि हिंदुस्तान हमेशा इलेक्शन में रहता है. कहीं ना कहीं चुनाव चल रहा होता है. दुनिया की सबसे ज़्यादा आबादी वाले देश में चुनाव करना-करवाना आठवां अजूबा ही है मगर ये अजूबा चुनाव आयोग करीब 75 सालों से कराता चला जा रहा है. इस पूरे भारी भरकम प्रोसेस में मुश्किलें भी कम नहीं. कभी इलेक्टोरल बॉन्ड का झंझट, कभी EVM पर मचमच और कितनी बार तो नेताओं के गिले शिकवे. 'पढ़ाकू नितिन' में इस बार आए हैं देश के 17वें मुख्य चुनाव आयुक्त रहे एस वाई कुरैशी साहब. उनसे हमने किए मुश्किल सवाल और उन्होंने दिए सबके तसल्लीबख्श जवाब.
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चंद्रकांता के क्रूर सिंह को एक्टर होने का प्रूफ कंडक्टर को क्यों देना पड़ा?: पढ़ाकू नितिन, Ep 135
चंद्रकांता का क्रूर सिंह, गंगाजल का डीएसपी भूरेलाल, सरफरोश का मिर्ची सेठ और लगान का अर्जन सिंह… सब एक ही थे. नाम है- अखिलेंद्र मिश्र. बच्चों बच्चों को उनका “यक्कू” याद है. 40 साल एक्टिंग की यात्रा करके आज वो 'पढ़ाकू नितिन' के मेहमान हुए. बातें ज़बरदस्त हुई हैं. मज़े का वादा पक्का है...सुनिएगा.
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भारत के सबसे बड़े कूटनीतिज्ञ से समझें चीन के सोचने का तरीका: पढ़ाकू नितिन, Ep 134
चीन आबादी में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और इलाके में तीसरा सबसे बड़ा देश है लेकिन उसका सपना इकोनॉमी में सबसे बड़ा देश बनना है. दर्जनों विद्वान कहते हैं बन भी जाएगा लेकिन हमारी टेंशन है कि पड़ोस में बसा ये देश हमें बराबरी का दर्जा नहीं देता. और ऐसा होने की वजहें ढेर हैं. कई तो हिस्ट्री में छुपी हैं. 'पढ़ाकू नितिन' इसे ही उघाड़ने आए हैं भारत के 32वें विदेश सचिव और चीन में राजदूत रहे विजय गोखले.
Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.
Customer Reviews
लाजबाब
ज़ोरदार ज़बरदस्त मज़ेदार शानदार लजबाब एपिसोड हैं सारे ही। कोई दो चार को ज़्यादा बढ़िया बतायेंगे तो बाक़ी के साथ नाइंसाफ़ी होगी। जय हो , ज़िंदाबाद।
सटीक तथ्य, बारीक विश्लेषण
पढ़ाकू नितिन के लिए नितिन काफ़ी रिसर्च करते हैं ये शो सुनकर साफ़ पता चलता है। किसी घटना या ऐतिहासिक तथ्य से जुड़े कई पहलू ऐसे होते हैं जिनके बारे में मुझे इस शो से ही पता चलता है। एक्सपर्ट्स भी ऐसे होते हैं जो एक-एक घटना, उससे जुड़े लोग और उसके प्रभाव के बारे में बिना किसी विचारधारा की तरफ़ झुके, न्यूट्रल होकर अपनी बात रखते हैं। नई-नई जानकारियों के लिए आपका शुक्रिया नितिन। खूब रिसर्च करते रहिए, हमलोगों का ज्ञानवर्धन करते रहिए। आज की दुनिया में ऐसे शो की बहुत दरकार है।
बेहतरीन
मैं कभी एक साथ में आपका पूरा एपिसोड्स नहीं सुन पाता हूँवक़्त की कमी कि वजह से , लेकिन सारे एपिसोड सुनें हैं …
बहुत मज़ेदार 👌
सारे एपिसोड आपने आप में एक जानकारी के हिसाब से संपूर्ण है