124 episodes

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.

कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?

भाषा के ग्रामर से मिले कब, क्यों, कैसे, कहां, किसने ऐसे शब्द हैं जो सेंटेंस में जुड़ जाएँ तो सवाल पैदा करते हैं और सवालों के बारे में आइंस्टीन ने कहा था- The important thing is not to stop questioning. पढ़ाकू नितिन ऐसा ही पॉडकास्ट है जिसमें किसी टॉपिक का रेशा रेशा खुलने तक हम सवाल पूछने से थकते नहीं.

Padhaku Nitin Aaj Tak Radio

    • History
    • 5.0 • 48 Ratings

Padhaku Nitin is a casual and long conversation-based podcast where Aaj Tak Radio host Nitin talks to experts and discuss a wide range of topics like history, war, politics, policy, ideologies, cinema, travelling, sports, nature and everything that is interesting. A single episode of the show can be as enriching as reading four books. As we say in the podcast,Chaar kitaabe padhne jitna gyaan milega Padhaku Nitin mein.

कब कोई हक़ीक़त से मिथक बन जाता है? क्यों कोई कहानी सदियाँ पार करके हमारे सिरहाने आ बैठती है? कुछ नाम तो इंसानों की कलेक्टिव मेमोरी का हमेशा के लिए हिस्सा बन जाते हैं लेकिन पूरी की पूरी सभ्यता चुपचाप कैसे मिट जाती है?

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    सावरकर ने भारतीय संविधान में 'हिंदू राष्ट्र' की मांग क्यों नहीं की?: पढ़ाकू नितिन, Ep 124

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    संविधान लागू हुए 75 साल होने जा रहे हैं. जितनी इसकी तारीफ होती है उतनी ही आलोचना भी. आलोचना के कई बिंदुओं में एक है इसके अंदर ब्रिटिश उपनिवेशवादी काल के कानूनों का होना. क्या केवल इस वजह से इसे 'Colonial Constitution' कहा जा सकता है? क़ानून के जानकार और लेखक अर्घ्य सेनगुप्ता ऐसा ना केवल मानते हैं बल्कि किताब इसी नाम से लिखी है. इस बार 'पढ़ाकू नितिन' में उनकी दलील सुनिए.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    • 57 min
    IAS अफसरों ने वोट करके बताया उनमें कौन सबसे करप्ट, फिर क्या हुआ?: पढ़ाकू नितिन, Ep 123

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    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं. 

    • 1 hr 11 min
    कहीं जलाना, कहीं दफ़नाना, टावर पर छोड़ देना..अंतिम विदाई के ये तरीक़े क्या कहते हैं?: पढ़ाकू नितिन, E

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    मौत शाश्वत सत्य है. इंसान जिस शरीर के ज़रिए इस दुनिया के हर कामकाज निपटाता है उसे एक दिन छोड़कर जाना पड़ता है. इस काया का निपटान भी अलग अलग तरीके से होता रहा है. हर धर्म, इलाके, संस्कृति का अपना तरीका है जो कई बार हैरान करता है तो कई दफे सोचने को मजबूर. इस बार पढ़ाकू नितिन में 'अंतिम संस्कार' जैसे टॉपिक पर बैठकी जमी डॉ मिनाक्षी दीवान से.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    • 1 hr 12 min
    निठारी कांड वाले सुरेंद्र कोली के लिए फंदा तैयार था फिर वो बचा कैसे?: पढ़ाकू नितिन, Ep 121

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    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    • 58 min
    एंकरिंग में नायाब रिकॉर्ड दर्ज करानेवाले सईद अंसारी के हाथ पांव कब फूले?: पढ़ाकू नितिन, Ep 120

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    टीवी पर न्यूज़ हर कोई देखता है और इस न्यूज़ को आप तक पहुंचाते हैं प्रेजेंटर या एंकर. अपनी आवाज़ और अंदाज़ से हर न्यूज़ को रोचक बनाने वाले इन एंकरों की दुनिया कैसी होती है, जितनी आसानी से ये न्यूज़ आपतक पहुंचाते हैं, क्या इसका प्रोसेस भी इतना ही आसान होता है, किस तरह की चुनौतियों से दो-चार होना पड़ता है इन्हें, इन सब पर बात बात करने के लिए 'पढ़ाकू नितिन' के इस एपिसोड में हमने बुलाया न्यूज़ एंकरिंग की दुनिया की जानी-मानी हस्ती सईद अंसारी को. इस पॉडकास्ट में उनसे कई प्रोफेशनल और पर्सनल सवाल किए गए और बड़ी बेबाक़ी से उन्होंने इसके जवाब भी दिए हैं. तो आकाशवाणी और दूरदर्शन के ज़माने से लेकर प्राइवेट मीडिया संस्थानों के कई दिलचस्प क़िस्से सुनिए.

    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    • 1 hr 58 min
    फांसी से पहले कसाब की आंखों में पछतावे की कहानी: पढ़ाकू नितिन, Ep 119

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    Disclaimer: इस पॉडकास्ट में व्यक्त किए गए विचार एक्सपर्ट के निजी हैं.

    • 1 hr 4 min

Customer Reviews

5.0 out of 5
48 Ratings

48 Ratings

ramkumarmundel ,

लाजबाब

ज़ोरदार ज़बरदस्त मज़ेदार शानदार लजबाब एपिसोड हैं सारे ही।
कोई दो चार को ज़्यादा बढ़िया बतायेंगे तो बाक़ी के साथ नाइंसाफ़ी होगी।
जय हो , ज़िंदाबाद।

Amiya Mohan ,

सटीक तथ्य, बारीक विश्लेषण

पढ़ाकू नितिन के लिए नितिन काफ़ी रिसर्च करते हैं ये शो सुनकर साफ़ पता चलता है। किसी घटना या ऐतिहासिक तथ्य से जुड़े कई पहलू ऐसे होते हैं जिनके बारे में मुझे इस शो से ही पता चलता है। एक्सपर्ट्स भी ऐसे होते हैं जो एक-एक घटना, उससे जुड़े लोग और उसके प्रभाव के बारे में बिना किसी विचारधारा की तरफ़ झुके, न्यूट्रल होकर अपनी बात रखते हैं। नई-नई जानकारियों के लिए आपका शुक्रिया नितिन। खूब रिसर्च करते रहिए, हमलोगों का ज्ञानवर्धन करते रहिए। आज की दुनिया में ऐसे शो की बहुत दरकार है।

Raza 12 ,

बेहतरीन

मैं कभी एक साथ में आपका पूरा एपिसोड्स नहीं सुन पाता हूँवक़्त की कमी कि वजह से , लेकिन सारे एपिसोड सुनें हैं …
बहुत मज़ेदार 👌
सारे एपिसोड आपने आप में एक जानकारी के हिसाब से संपूर्ण है

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