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Motivational poems, songs, stories written by me- घनश्याम शर्मा

Safal Sharma Ghanshyam Sharma

    • Arts

Motivational poems, songs, stories written by me- घनश्याम शर्मा

    कक्षा - 12 . कविता - कैमरे में बंद अपाहिज — रघुवीर सहाय ...वाचन - घनश्याम शर्मा

    कक्षा - 12 . कविता - कैमरे में बंद अपाहिज — रघुवीर सहाय ...वाचन - घनश्याम शर्मा

    कक्षा - 12 . कविता - कैमरे में बंद अपाहिज — रघुवीर सहाय ... वाचन - घनश्याम शर्मा

    • 7 min
    कक्षा - सातवीं ॥ पाठ- चार ॥ कठपुतली ॥॥ कवि - भवानी प्रसाद मिश्र॥

    कक्षा - सातवीं ॥ पाठ- चार ॥ कठपुतली ॥॥ कवि - भवानी प्रसाद मिश्र॥

    कक्षा - सातवीं ॥ पाठ- चार ॥ कठपुतली ॥॥ कवि - भवानी प्रसाद मिश्र॥ ...कठपुतली कविता का वाचन

    • 1 min
    शाम अकेला कर देती है ...गीत ...घनश्याम शर्मा

    शाम अकेला कर देती है ...गीत ...घनश्याम शर्मा

    शाम अकेला कर देती है

    यह शाम अकेला कर देती है
    नया झमेला कर देती है
    तनहाई की बारिश करती
    खाली मेला कर देती है
    शाम अकेला कर देती है।

    मन चंचल भी हो जाता है
    दिल निश्चल भी हो जाता है
    कुछ भी मुझको समझ न आता
    पागल हर पल हो जाता है
    पास खुशी की लहरें लाता
    दूर ये रेला कर देती है
    शाम अकेला कर देती है

    आंसू आते उमड़-घुमड़ कर
    ज्यों जलधर आते उड़ उड़कर
    याद अतीत फिर मुझको आता
    किन्तु न देखूँ मैं मुड़ मुड़कर
    अनमोल बहुत है शाम नजारा
    पर ये धेला कर देती है
    शाम अकेला कर देती है


    अंदर ही घर के रहता हूं
    शाम से यारों मैं डरता हूं
    मुझसे शाम का जिक्र न करो
    सब से यह मैं तो कहता हूं
    मेरे खुशी के सब. लम्हों को
    दुख की बेला कर देती है
    शाम अकेला कर देती है

    शाम अकेला कर देती है

    तनहाई की बारिश करती
    खाली मेला कर देती है
    शाम अकेला कर देती है।

    शाम अकेला कर देती है।।।

    —-घनश्याम शर्मा

    • 2 min
    गीत ‘संघर्षों की करुण कहानी’ ... जब आपके संघर्ष , आपकी चुनौतियाँ हर वक़्त आपके सामने मुँह बाये खड़े

    गीत ‘संघर्षों की करुण कहानी’ ... जब आपके संघर्ष , आपकी चुनौतियाँ हर वक़्त आपके सामने मुँह बाये खड़े

    संघर्षों की करुण कहानी

    संघर्षों की करुण कहानी, जब चारण कोई गाएगा।
    संघर्षों की करुण कहानी, जब चारण कोई गाएगा।
    काम करूंँगा ऐसा, नाम मेरा आदर से लिया जाएगा।।
    संघर्षों की करुण कहानी जब चारण कोई गाएगा।।

    भले हो ऊंँचा, कितना गगन ये, भले अगम हो नग विशाल,
    बहा पसीना सींचित कर दूँ, जीवन को दूँ बना मिसाल।
    करूंँ तो कुछ भी नहीं असंभव, बिना किए क्या पाएगा।।
    संघर्षों की करुण कहानी, जब चारण कोई गाएगा।
    काम करूंँगा ऐसा, नाम मेरा आदर से लिया जाएगा।।।

    औरों से क्या लेना अब तो, स्वयं से यारों युद्ध मेरा ।
    लोगों का तो काम है कहना, ध्यान न भटके मित्र तेरा।।
    लक्ष्य निशाना नहीं चूकना, मात नहीं अब खाएगा।
    काम करूँगा ऐसा, नाम मेरा आदर से लिया जाएगा।।।

    विश्वास-आत्म का आज जगा और नकारात्मकता छूटी।
    अब ना कभी हारेगी ज़िंदगी, मिली मुझे जीवन बूटी।।
    इच्छा-शक्ति, दृढ़ है निश्चय, कोई नहीं अब ढ़ायेगा,
    काम करूंँगा ऐसा, नाम मेरा आदर से लिया जाएगा।

    संघर्षों की करुण कहानी, जब चारण कोई गायेगा।
    काम करूँगा ऐसा, नाम मेरा आदर से लिया जाएगा।।
    .....नाम मेरा आदर से लिया जाएगा।
    .............नाम मेरा आदर से लिया जाएगा।।

    —घनश्याम शर्मा

    • 3 min
    Safal Sharma (Trailer)

    Safal Sharma (Trailer)

    • 39 sec
    गीतों की बस्ती का शहज़ादा ... घनश्याम शर्मा

    गीतों की बस्ती का शहज़ादा ... घनश्याम शर्मा

    *गीतों की बस्ती का शहज़ादा...*

    मैं गीतों की बस्ती का शहज़ादा, मैं राजकुमार। -2
    मैं गीत बनाता, गीत ही गाता और मैं करता प्यार।
    मैं गीतों की...

    मेरी बांहों में संगीतों के सागर हैं लहराते। -2
    पास मेरे सुख-दुख जब आते, गीत *खुशी* के ही गाते।
    दर्दों में भी चीर निकालूं...
    दर्दों में भी चीर निकालूं, खुशी की मैं झंकार।।
    मैं गीतों की बस्ती का शहज़ादा, मैं राजकुमार।।

    दुख-तकलीफें हो या हों जीवन में तेरे अंधियारा। -2
    पास मेरे आ जा प्यारे, तू छोड़ के सब मेरे यारा।
    तेरे हर कष्टों का यारा...
    तेरे हर कष्टों का यारा, कर दूंगा संहार ।।
    मैं गीतों की बस्ती का शहज़ादा, मैं राजकुमार।।

    *सोचो जीने आए हो या आए हो तुम मरने। -2*
    *आए थे कुछ करने और तुम लगे हो कुछ ही करने।*
    हंसी-खुशी और प्यार मोहब्बत...
    *हंसी-खुशी और प्यार मोहब्बत, है ये जीवन सार।।*
    मैं गीतों की बस्ती का शहज़ादा, मैं राजकुमार।।

    मैं गीत बनाता, गीत ही गाता और मैं करता प्यार।।
    मैं गीतों की बस्ती का शहज़ादा, मैं राजकुमार।।
    हूँ... हूँ.. हूँ...
    -- *घनश्याम शर्मा*

    • 3 min

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