Dev Sareswar Dev Sareshwer
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जीवन में इंसान ही नहीं रूठते है
बल्कि हमसे हमारे जीवन के लम्हे
भी रूठ जाया करते है , जिन्हें अकेले नहीं मनाया जा सकता है । बल्कि मिलकर मनाया जाता है ।तभी वो लम्हे मानते हैं।
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प्यार में रूठे लम्हों को आवारा नहीं छोड़ना चाहिए । वरना उन्हें मनाने कोई ना कोई आ जाया करता है।
जीवन के लम्हे अपनी संपूर्णता को प्राप्त किए बिना नहीं रह सकते है ,इसलिए अपने प्यार के रूठे लम्हों को बिना मनाए नहीं छोड़ना चाहिए। वरना उन्हें मनाने कोई ना कोई तो आता ही है ।यही जीवन का सत्य है।
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ज़िन्दगी के रूठे लम्हों के किस्से
ज़िन्दगी में इंसान ही नहीं जीवन के भी रूठ जाया करते है उन्हें अकेले नहीं बल्कि मिलकर मनाया जाता है तब ही वो मानते हैं।।।