Story Time, G Says Story Dheeraj Deorari
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- Infanzia e famiglia
Inspirational, motivational, entertainment, educational, moral short stories for all.
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आज सालनी जो की प्राइमरी स्कूल की मैथ्स की टीचर है अपने छोटे छोटे प्यारे से बच्चो को जो सेकं
आज सालनी जो की प्राइमरी स्कूल की मैथ्स की टीचर है अपने छोटे छोटे प्यारे से बच्चो को जो सेकंड क्लास के बच्चे हैं एडिसन का चैप्टर का rivision करवाना था
सलनी बहुत ही अच्छी, अनुभवी और एक परफेक्ट टीचर हैं अपने सब्जेक्ट को पढ़ने में उसको महारथ हासिल है वह जो एक बार पढ़ा देती है वह बच्चे जल्दी से भूल ही नहीं सकते
क्लास में अन्दर आते ही सालनी ने बच्चों को अपनी अपनी बुक्स और नोटबुक्स निकलने के लिए कहा सभी बच्चे लगभग सात या आठ साल के होंगे सभी ने टीचर की बात को मानते हुए अपनी अपनी बुक और नोट बुक्स डेस्क पर निकल ली
अब टीचर ने पढ़ना शुरू किया सात वर्षीय परुली को टीचर ने पूछा, "परुली अगर मैं तुमको एक सेब और एक सेब और एक सेब दूं, तो तुम्हारे पास कितने सेब हो जायेगे ?"
कुछ सेकंड अपनी नन्ही नन्ही उँगलियों पर गन्ना करने के बाद परुली ने बहुत ही आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिया, मैडम "चार!"
सालनी एक सहज सही उत्तर की उम्मीद कर रही थी जो की तीन होता पर वह परुली के उत्तर से निराश हो गई।
"शायद परुली ने ठीक से नहीं सुना।" - उसने सोचा।
सालनी ने फिर से दोहराया, “परुली, ध्यान से सुनो। अगर मैं तुमको एक सेब और एक सेब और एक सेब दूं, तो आपके पास कितने सेब होजाएंगे ? ”
परुली ने अपने मैडम के चेहरे पर निराशा देखी थी। उसने अपनी उंगलियों पर फिर से गिनती की।
लेकिन मन ही मन वह भी वही उत्तर खोज रही थी जो उसकी सबसे पसंदीदा मैडम को खुश करदे ।
थोडा लम्बे इन्तेजार के बाद परन्तु इस बार झिझकते हुए उसने फिर से जवाब दिया, "मैडम चार सेब ।"
सालनी जो की बहुत ही अच्छी टीचर है के चेहरे पर फिर से निराशा छा गई।
तभी सलनी को याद आया कि परुली को स्ट्रॉबेरी बेहद पसंद है।
इस बार फिर से टीचर ने उत्साह दिखाते हुए और अपनी आँखों को टिमटिमाते हुए परुली को थोडा सहज महसूस करते हुए फिर -
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ज्योति के साथ अजय ने धोका किया जिस से वह बहुत प्यार करती थी
ज्योति बहुत टूट गयी थी वह जीना छोड़ चुकी थी कि तभी उसके साथ हुए एक हादसे ने उसे फिर से जीवन जीना सिखाया
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भारत सिंह नेगी के अदम्य साहस की कहानी जो कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार उनकी कैद से मुक्त हो अपने द
भारत सिंह नेगी के अदम्य साहस की कहानी जो कई पाकिस्तानी सैनिकों को मार उनकी कैद से मुक्त हो अपने देश वापस लौट आया। इस दौरान उसे दो गोलियां भी लगी एक उसके कंधे पर और एक उसकी गर्दन पर।
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ये कहानी है स्तुति है की स्तुति बहुत ही सुन्दर गोरी और लम्बी लड़की है जो भी उसे देखता है तो देखता ही
ये कहानी है स्तुति है की स्तुति बहुत ही सुन्दर गोरी और लम्बी लड़की है जो भी उसे देखता है तो देखता ही रह जाता है
माँ और पिता पढाई का महत्वा जानते हैं इसलिए बहुत कठिन प्रयास कर अपने तीनो बच्चों को पढ़ा रहे हैं स्तुति MA में है और उसके छोटे भाई बहन १० वीं और १२ वीं में हैं स्तुति के पिता किसान हैं और माँ गृहणी हैं
आज पिता माँ का सोने का गुलोबंद जो की लगभग 1 साल से गिरवी था छुड़ा लायें है पिता ने खेती के लिए गुलोबंद को गिरवी रखा था माँ को अपना गुलोबंद बहुत पयारा है माँ उसे देखा बहुत खुश हुयी उनके पास एकमात्र यही आभूषण असली है बाकि सब नकली हैं.
पिता माँ से बात कर रहे थे
इस बार बहुत कम बारिश की वजह से जंगली जानवरों ने जंगल छोड़ खेतों की और रुख कर लिया है और फसल को बहतु नुकसान पहुँचा रहे हैं इस बार खेत पर और अधिक रखवाली करनी होगी
स्तुति को इस बात की बहुत पीड़ा है की वह एक गरीब परिवार में पैदा हुई है उसके मित्र रोज कॉलेज में बहुत ही स्टाइलिश और अच्छे कपडे पहन कर आते है हैं और वह मजबूरी के चलते कॉलेज की ड्रेस जो की सफ़ेद सलवार कुरता पहनना पड़ता है
हालाँकि की स्तुति अपने कॉलेज ड्रेस में भी बहुत सुन्दर लगती है पर फिर भी उसे कॉलेज की ड्रेस बिलकुल भी पसनद नहीं वह भी अपने दोस्तों की तरह जीन्स,टॉप और बूट पहनना चाहती है
उसके सभी दोस्तों के पास स्मार्ट फोन हैं और उसके पिता ने उसे एक सामान्य सा फ़ोन दिया है जो केवल कॉल करने के कम ही आता है इसलिए स्तुति उसे अपने बैग में छुपा कर और म्यूट कर के रखती है उसे उसे इस्तेमाल करने में बहतु शर्म अति है उसके कभी फ़ोन करना भी होता है तो वह दोस्तों के फ़ोन से कॉल कर लेती हैं उसके किसी भी दोस्त को नहीं पता की स्तुति के पास फ़ोन भी है
पढाई में स्तुति अपने कॉलेज में सब पर भरी थी वह अपने क्लास की सबसे होनहार बालिका है
एक बार की -
अभी मै जानती हूँ तुम बहुत परेसान हो प्रिया अभिमन्यु को अभी कह कर बुलाती है मै तुम्हे और परेसान तो
अभिमन्यु बहुत तेज दौड़ रहा था आज कुछ भी हो जाये उसे उस दौड़ में सबसे आगे रहना ही है नहीं तो उसका जीवन का लक्ष्य उसके हाथ से निकल जायेगा वेसे भी यह उसका अंतिम अवसर है उसके ऊपर उसके पूरे परिवार की जिम्मेदारी भी है यदि आज वह इस दौड़ से बहार हो जाता है तो उसके भाई बहन की पढाई लिखाई का क्या होगा माँ का क्या होगा, उसके सपने और हाँ उसकी दोस्त प्रिया जिससे से उसने जीवन संगनी बनाने का वादा किया है उसका क्या होगा
अभिमन्यु का सपना फोजी ड्रेस पहन अपने देश की सेवा करने का है वह बचपन से ही इसके सपने देखता आया है और इसके अलवा कुछ नहीं यदि वह भरती हो जाता है तो उसका सपना ही नहीं पूरा होगा अपितु उसकी सारी समस्याओं का भी समाधान हो जाये गाय उसने इससे पहले भी फोज में भारती होने के लिए तीन बार दौड़ लगाई थी परन्तु दौड़ में नहीं निकल पाया था फोज में सिपाही भारती होने की अधिकतम उम्र सीमा 21 साल है इसके बाद अभिमन्यु की उम्र २१ पार हो जाएगी और फिर वह फोज मै भरती नहीं हो पायेगा और इतना समय उसके परिवार के पास नहीं की वे किसी और नौकरी के लिए इन्तेजार कर सकें
दोड़ते हुए अभिमन्यु के दिमाग में न जाने ऐसे कितने विचार बिजली की गति से चल रहे थे
ये कहानी है अभिमन्यु की वह पहाड़ के गाँव में रहता है वह बी0ए0 फाइनल इयर में है वेसे तो पारिवारिक रूप से एक सामान्य परिवार से ही है पिता जो पहले नौकरी करते थे अब इस दुनिया में नहीं रहे परिवार में माँ, छोटी बहन और एक भाई है हो अभी पढ़ रहे हैं जब तक पिता जीवत थे तो घर का गुजरा उनकी कमाई से हो ही जाता था उसके पिता को गुजरे अभी 6 महीने हुए हैं
उनका पूरा परिवार उन्हें बहुत यद् करता है उनकी मृत्यूं के बाद से उनकी आर्थिक स्तिथि बहुत दयनीय हो गयी है
सुभ सुभ अभी अभिमन्यु और सभी भाई बहन सो कर ही उठे है तभी उसकी छोटी बहन जो 5 क्लास में पड़ती है बोली
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