Peero Mining Peeyush Kumar
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- 教育
Hello Dear Friends,
Main naam Peeyush Kumar Kacher hai. Aur maine MIning and Mines Surveying se 3 Years ka Diploma kiya hai Aur sath hi sath me maine SECL ( South Easten Coalfields Limited ) se 1 Years ki PDPT ( Post Diploma Practical Training ) complete kar chuki hai. Main aap logon ko mining ki study se relative Knowledgeable Podcast dene ka try karunga jisse app logon ko mining se relative jayada se jayada jankari mil sake.
Thank you Friends!
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Normal Air क्या है और इसमें कौन कौन सी गैसें होती हैं
शुद्ध सुखी हवा कुछ गैसों का मिश्रण है उनकी मात्रा इस प्रकार है : -
ऑक्सीजन 20.9 3%
नाइट्रोजन व आर्गन आदि निष्क्रिय से 79.04%
और carbon dioxide 0.03%
मोटे तौर पर 21 परसेंट ऑक्सीजन बाद 79% नाइट्रोजन के सकते हैं।
ऑक्सीजन के मुख्य गुण:-
1. ऑक्सीजन गैस में कोई रंग गंध या स्वाद नहीं होता
2. वह हवा से 1.1 गुना भारी होती है और वह प्राणियों के सांस लेने के लिए जरूरी है इसलिए उसे प्राणवायु या जान गैस भी कहते हैं वह चीजों के जलने के लिए भी जरूरी है।
3. आक्सीजन गैस अत्यंत सक्रिय गैस है वह लगभग प्रत्येक तत्व के साथ रसायनिक क्रिया से सम्मिलित होकर ताप उत्पन्न करती है यह बहुत धीमी गति से हो सकती है जैसे कोयले के साथ ऑक्सीकरण में या लोहे में जंग लगने में अथवा तेज गति से भी हो सकती है जैसे वस्तु के जलने में अथवा बहुत प्रचंड हो सकती है जैसे विस्फोट में।
4. ऑक्सीजन पानी में थोड़ी मात्रा में घूमती है 100 भाग पानी में 3 भाग ऑक्सीजन घुलती है तभी तो मछलियां पानी में जीवित रह पाती है ।
नाइट्रोजन के मुख्य गुण:-
1. नाइट्रोजन गैस में कोई रंग गंदी आस्वाद नहीं होता
2. नाइट्रोजन गैस हवा से कुछ हल्की होती है आप एक शिकवा 0.97 होता है
3. नाइट्रोजन गैस निष्क्रिय गैस है सांस के साथ शरीर में जाती है और बिना परिवर्तन के बाहर आ जाती है परंतु वायु में नाइट्रोजन सामान से अधिक हो तो ऑक्सीजन की कमी हो जाती है और दम घुटने लगता है।
कार्बन डाइऑक्साइड के मुख्य गुण:-
1. कार्बन एक्साइड जलती चीजों को बुझा देती है
2. यह हवा से 1.5 गुना भारी होती है इसलिए डीप तरफ और टेली के पास मिलती है
3. यह रंगहीन और गंधहीन गैस है
4. पानी में अत्यंत घुलनशील है 100 भाग पानी में 100 भाग कार्बन डाइऑक्साइड खुल जाती है।
Source : Mine Gases & Gas Testing ( L.C.KAKU) -
Gas Testing Examination की शुरुआत कैसे हुई
गैस टेस्टिग - आखिर क्यों ?
खान में प्रकाश के लिए खनिकों द्वारा पहले खुली बत्तियां काम में ली जाती थीं । उनसे कोयला खानों में निकलने वाली ज्वलनशील व विस्फोटक गैस मीथेन में आग लगकर विस्फोट हो जाता था । अठारहवीं शताब्दी के अंत में इंग्लैंड की कोयला खानों में ऐसे कई विस्फोट हुए तो सरकार को चिंता हुई । उस समय के महान् वैज्ञानिक सर हम्फ्री डेवी ( Sir Humphry Davy ) से अनुरोध किया गया कि कोई ऐसा लैम्प बनाएं जिससे खान में विस्फोट न हो । सर हम्फ्री डेवी ने 1815 में ऐसे सेफ्टी लैम्प का आविष्कार किया जिसे ' डेवी का सेफ्टी लैम्प ' ( डेवी का अभयदीप ) नाम दिया गया ।
सरकार ने कानून बनाया कि भूमिगत खान में वैसे लैम्प को छोड़कर किसी अन्य प्रकार की बत्ती काम में नहीं ली जाएगी । इस सेफ्टी बत्ती की लौ की बढ़ती ऊंचाई और आकार से खान की हवा में मौजूद मीथेन गैस की मात्रा मालूम करने का तरीका ढूंढ़ा गया । ऑक्सीजन की कमी मालूम करने में भी यह बत्ती काम आने लगी ।
इस प्रकार उसके तीन काम हो गए :-
प्रकाश देना
मीथेन गैस की जानकारी देना
ऑक्सीजन की कमी की चेतावनी देना
भारत में भी ऐसा ही होने लगा । इसके बाद बैट्री से चलने वाली कैप - लैम्प बत्ती का आविष्कार हुआ । इससे बहुत अच्छा प्रकाश मिलने लगा । सरकार ने कानून बनाया कि खान में काम करने वाला प्रत्येक व्यक्ति खान के भूमिगत भाग में जाते समय अपने साथ कैप - लैम्प ले जाएगा । लेकिन इससे मीथेन गैस की मौजूदगी और ऑक्सीजन की कमी की चेतावनी नहीं मिलती थी । इसलिए यह कानून बना कि इंसपेक्शन के लिए अमुक - अमुक प्रकार के अधिकारी अपने साथ कैप - लैम्प के अलावा सेफ्टी लैम्प भी खान में ले जाएंगे । यही कानून आज भी लागू है । हाल ही में गैस मापक यंत्र ( मीथेनोमीटर व ऑक्सीमीटर ) बने हैं लेकिन खान में काम करने वालों की सुरक्षा के लिए सेफ्टी लैम्प आज भी सरल