2本のエピソード

2015 कोलकत्ता, एक ऐसी अद्भूत फिल्म का शूट चल रहा था जिसे हमें देखने का सौभाग्य 2020 मे हुआ। मै कुछ समय पहले ही FTII से ऐक्टिंग का डिप्लोमा करके निकला था और मुझे रामसिंघ चार्ली मे एक किरदार करने का मौका मिला। हालाँकि मेरा फिल्म मे सिर्फ़ एक ही scene है लेकिन उसका अनुभव आजतक मेरे साथ है, और जब भी उसे याद करता हूँ तो आज की चकाचोंद भरी जिन्दगी से दूर, मासूम सी तस्वीर मे खुद को पाता हूँ। फिल्म की पूरी टीम कोलकात्ता पहोच चुकी थी और मुझे अकेले ट्रेन से 2 दिन का सफ़र तय करके जाना था। कुछ अनुभवी दोस्तों ने फ्लाइट टिकट की मांग करने के लिये मुझे सलाह दी, लेकिन मेरे लिये ट्रेन का सफ़र एक तरीके से इस फिल्म से जुड़ना था और जब मै कोलकत्ता पहुंचा, फिल्म के निर्माता नितिन सर सबसे पहले मुझसे आकर मिले। एक बार फिर कुछ भूली बिसरी सलाहे याद आने लगी कि सेट पे भाव मिलता नही है, मिलवाना पड़ता है, लेकिन मुझे तो ऐसा लगने लगा कि इस फिल्म का मुख्य अभिनेता मै ही हूँ। खैर, मै अपने कमरे मे पहुंचा और मुझे डिनर के लिये बुलावा आ गया। भूख लगी थी, तो मै बस खाता रहा। दुसरे दिन पता चला कि उस लजीज खाने का भूख से तो कोई लेना देना ही नही है, आप बस ऐसे खाने को खाते ही चले जाते हो। खैर, मुझे इस फिल्म के रामसिंघ चार्ली यानी कुमुद मिश्रा से मिलना था, जिन्हे आजतक फिल्मों मे देखता आया था। इस बार अनुभवी सलाहों को मैनें सलाह दे दी कि अब मत ही आओ मेरे पास। मैने किसी से पुछा कि कुमुद सर कहा है, वो बेबाक तरीके से हस्ते हुए बोला, मिया तुम नये हो क्या? अबे, अभी तो बगल से निकले... वो देख नितिन सर के साथ खड़े है। एक पल के लिये लगा कि फिल्म का पर्दा इतना झूठा कैसे हो सकता है? मै अपनी दुविधा को दूर करने पहुंचा तो वहाँ हंसी मजाक चल रहा था सर की थाली मे रखे सलाद पर, तब पता चला कि इस किरदार के लिये कुमुद सर strict diet पर है। नितिन सर ने मुझ

Ramsingh Charlie sandeep shridhar

    • テレビ番組/映画

2015 कोलकत्ता, एक ऐसी अद्भूत फिल्म का शूट चल रहा था जिसे हमें देखने का सौभाग्य 2020 मे हुआ। मै कुछ समय पहले ही FTII से ऐक्टिंग का डिप्लोमा करके निकला था और मुझे रामसिंघ चार्ली मे एक किरदार करने का मौका मिला। हालाँकि मेरा फिल्म मे सिर्फ़ एक ही scene है लेकिन उसका अनुभव आजतक मेरे साथ है, और जब भी उसे याद करता हूँ तो आज की चकाचोंद भरी जिन्दगी से दूर, मासूम सी तस्वीर मे खुद को पाता हूँ। फिल्म की पूरी टीम कोलकात्ता पहोच चुकी थी और मुझे अकेले ट्रेन से 2 दिन का सफ़र तय करके जाना था। कुछ अनुभवी दोस्तों ने फ्लाइट टिकट की मांग करने के लिये मुझे सलाह दी, लेकिन मेरे लिये ट्रेन का सफ़र एक तरीके से इस फिल्म से जुड़ना था और जब मै कोलकत्ता पहुंचा, फिल्म के निर्माता नितिन सर सबसे पहले मुझसे आकर मिले। एक बार फिर कुछ भूली बिसरी सलाहे याद आने लगी कि सेट पे भाव मिलता नही है, मिलवाना पड़ता है, लेकिन मुझे तो ऐसा लगने लगा कि इस फिल्म का मुख्य अभिनेता मै ही हूँ। खैर, मै अपने कमरे मे पहुंचा और मुझे डिनर के लिये बुलावा आ गया। भूख लगी थी, तो मै बस खाता रहा। दुसरे दिन पता चला कि उस लजीज खाने का भूख से तो कोई लेना देना ही नही है, आप बस ऐसे खाने को खाते ही चले जाते हो। खैर, मुझे इस फिल्म के रामसिंघ चार्ली यानी कुमुद मिश्रा से मिलना था, जिन्हे आजतक फिल्मों मे देखता आया था। इस बार अनुभवी सलाहों को मैनें सलाह दे दी कि अब मत ही आओ मेरे पास। मैने किसी से पुछा कि कुमुद सर कहा है, वो बेबाक तरीके से हस्ते हुए बोला, मिया तुम नये हो क्या? अबे, अभी तो बगल से निकले... वो देख नितिन सर के साथ खड़े है। एक पल के लिये लगा कि फिल्म का पर्दा इतना झूठा कैसे हो सकता है? मै अपनी दुविधा को दूर करने पहुंचा तो वहाँ हंसी मजाक चल रहा था सर की थाली मे रखे सलाद पर, तब पता चला कि इस किरदार के लिये कुमुद सर strict diet पर है। नितिन सर ने मुझ

    Prerna aur Mai

    Prerna aur Mai

    उ सका दूसरा नाम है प्रेरणा। जब वो मेरे साथ नहीं होती है तब प्रेरणा ही है जो मेरे हाथ को कसके पकड़ लेती है। आसपास के धुंधले शब्द मुझे दिखने लगते है। शब्दों को चुनने में ज़रा भी पाबंदी नहीं होती है। इस समय मै बैठ जाता हूं और प्रेरणा बस मुझे एकटक देखती रहती है। प्रेरणा मेरा खयाल रखती है और हर तरह से मेरे साथ आगे चलती है। वो इतना कुछ करती है कि कभी कभी लगता है, प्रेरणा के साथ कुछ ग़लत तो नहीं कर रहा हूं। बहुत कुछ करने से साथ छूट जाता है जैसे मेरा छूटा और प्रेरणा है कि दिनभर रातभर मेरी उदासी का सहारा बनी रहती है। उसे डांट भी नहीं पता। हा कभी कभी झुंझलाहट होती है लेकिन मै ख़ुद को रोक लेता हूं। इस समय प्रेरणा के अलावा कोई है भी तो नहीं जिससे बात कर सकूं। नहीं, मै मतलबी नहीं हूं; मै प्रेरणा का साथ नहीं छोडूंगा। लेकिन अगर नहीं छोड़ा तो वो कभी नहीं होगी मेरे साथ, है ना! क्या वो और प्रेरणा एक साथ रह सकते है? मुझसे चुनाव नहीं होता और शायद मुझमें  चुनने की काबिलियत भी नहीं है। इसीलिए जब वो नहीं होती है, प्रेरणा होती है। इस बार जब वो साथ होगी, मै सीधे उससे प्रेरणा के बारे में बात करूंगा। मुझे हमेशा प्रेरणा के साथ रहना है। हा, उसके छूटने पर तकलीफ़ होती है लेकिन जब प्रेरणा नहीं होती है तो मन नहीं लगता किसी भी चीज में। प्रेरणा तुम बहोत प्यारी हो। अपना खयाल रखना क्युकी इतने प्यारे लोगो को आसानी से छोड़ दिया जाता है। मानता हूं,मैने भी कई बार तुम्हे छोड़ा है, लेकिन हर बार जब कोई नहीं होता, तुम मेरे साथ रहती हो, मेरा खयाल रखती हो, मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा, प्रेरणा तुम देती हो। प्रेरणा हम साथ रहेंगे हमेशा।।

    संदीप श्रीधर

    Apr 22, 2020

    • 2分
    Ramsingh Charlie

    Ramsingh Charlie

    2015 कोलकत्ता, एक ऐसी अद्भूत फिल्म का शूट चल रहा था जिसे हमें देखने का सौभाग्य 2020 मे हुआ। मै कुछ समय पहले ही FTII से ऐक्टिंग का डिप्लोमा करके निकला था और मुझे रामसिंघ चार्ली मे एक किरदार करने का मौका मिला। हालाँकि मेरा फिल्म मे सिर्फ़ एक ही scene है लेकिन उसका अनुभव आजतक मेरे साथ है, और जब भी उसे याद करता हूँ तो आज की चकाचोंद भरी जिन्दगी से दूर, मासूम सी तस्वीर मे खुद को पाता हूँ। फिल्म की पूरी टीम कोलकात्ता पहोच चुकी थी और मुझे अकेले ट्रेन से 2 दिन का सफ़र तय करके जाना था। कुछ अनुभवी दोस्तों ने फ्लाइट टिकट की मांग करने के लिये मुझे सलाह दी, लेकिन मेरे लिये ट्रेन का सफ़र एक तरीके से इस फिल्म से जुड़ना था और जब मै कोलकत्ता पहुंचा, फिल्म के निर्माता नितिन सर सबसे पहले मुझसे आकर मिले। एक बार फिर कुछ भूली बिसरी सलाहे याद आने लगी कि सेट पे भाव मिलता नही है, मिलवाना पड़ता है, लेकिन मुझे तो ऐसा लगने लगा कि इस फिल्म का मुख्य अभिनेता मै ही हूँ। खैर, मै अपने कमरे मे पहुंचा और मुझे डिनर के लिये बुलावा आ गया। भूख लगी थी, तो मै बस खाता रहा। दुसरे दिन पता चला कि उस लजीज खाने का भूख से तो कोई लेना देना ही नही है, आप बस ऐसे खाने को खाते ही चले जाते हो। खैर, मुझे इस फिल्म के रामसिंघ चार्ली यानी कुमुद मिश्रा से मिलना था, जिन्हे आजतक फिल्मों मे देखता आया था। इस बार अनुभवी सलाहों को मैनें सलाह दे दी कि अब मत ही आओ मेरे पास। मैने किसी से पुछा कि कुमुद सर कहा है, वो बेबाक तरीके से हस्ते हुए बोला, मिया तुम नये हो क्या? अबे, अभी तो बगल से निकले... वो देख नितिन सर के साथ खड़े है। एक पल के लिये लगा कि फिल्म का पर्दा इतना झूठा कैसे हो सकता है? मै अपनी दुविधा को दूर करने पहुंचा तो वहाँ हंसी मजाक चल रहा था सर की थाली मे रखे सलाद पर, तब पता चला कि इस किरदार के लिये कुमुद सर strict diet पर है। नितिन सर ने मुझ

    • 7分

テレビ番組/映画のトップPodcast

町山智浩の『アメリカ流れ者』
TBS RADIO
聴くと映画が観たくなる! CINEMORE
CINEMORE
OH! CINEMA PARADISE
J-WAVE
もっと、光る君へ NHKラジオ「ラジオ深夜便」
NHK (Japan Broadcasting Corporation)
映画ラジオ【寝ずの映画番】
【映画批評ラジオ】ジャガモンド斉藤/大島育宙
ボンクラ映画館
ICHI