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गौरवी के सपन‪े‬ Shikha Jha (vairaagini)

    • Performing Arts

गौरवी महज़ बारह साल की थी, पर उसके सपने उसके उम्र से कहीं ज़्यादा बड़े थे। गौरवी कद काठी से लम्बी गोरी और अपने गांव की सबसे ख़ूबसूरत लड़की थी।गौरवी अपने माता - पिता के संग रोहतास नामक एक छोटे से गांव में रहती थी। पढ़ाई लिखाई में भी वो सबसे होशियार थी। गौरवी बचपन से ही निर्तिया और संगीत में काफ़ी अव्वल थी, आस पड़ोस के लोग जब भी कुछ जलसा करते तो गौरवी वहां अपनी कला ज़रूर दिखाती कुछ लोग उसकी सराहना करते तो कुछ उपहास कुछ लोग सलाह देते कि उसे शहर जा के टीवी में काम करना चाहिए तो कुछ उसे नाचने वाली कहते।एक शाम गौरवी अपने पड़ोस के यहां टीवी देख रही थी, उसने देखा कि कई ख़ूबसूरत लड़कियां स्टेज पर आ जा रही है, ना जाने तबसे वो वशीभूत सी हो गई और सबसे पूछने लगी ये कैसा कार्यकर्म हैं, तब वहां खड़े उसी घर के एक व्यक्ति ने बताया कि यह सब लड़कियां मॉडल्स हैं इन्हें इनकी ख़ूबसूरती और इनके अक्लमंद होने की वजह से इनका चयन हुआ है। गौरवी मुस्कुराई और बुदबुदाई क्या मै भी मॉडल बन सकती? मैं भी तो ख़ूबसूरत हूं अक्लमंद हूं! उस व्यक्ति ने जवाब दिया हां बिल्कुल पर तुम्हे उसके लिए शहर जाना पड़ेगा पर अभी तुम छोटी हो कुछ साल सब्र करो। गांव वाले जो अनपढ़ थे, वो इसके इस सपने को ओछी नज़रों से देखते थे, उसे गलत बताते थे पर गौरवी ने मानो अपने इस सपने को सज़ा लिया था उसने मन ही मन ये बात ठान ली थी कि उसे कुछ अलग करना हैं। गौरवी अब अठारह वर्ष की होने जा रही थी उसने अपनी बारहवी भी पूरी कर पूरे गांव में सबसे अधिक अंक लाकर सबको अचंभित कर दिया। गौरवी के माता पिता को गर्व के साथ साथ गुस्सा भी था क्यूंकि उनकी बेटी आईएएस नहीं बल्कि मॉडल बनना चाहती थी। जो कि गांव वालों की नज़रों में ये ग़लत था।

गौरवी महज़ बारह साल की थी, पर उसके सपने उसके उम्र से कहीं ज़्यादा बड़े थे। गौरवी कद काठी से लम्बी गोरी और अपने गांव की सबसे ख़ूबसूरत लड़की थी।गौरवी अपने माता - पिता के संग रोहतास नामक एक छोटे से गांव में रहती थी। पढ़ाई लिखाई में भी वो सबसे होशियार थी। गौरवी बचपन से ही निर्तिया और संगीत में काफ़ी अव्वल थी, आस पड़ोस के लोग जब भी कुछ जलसा करते तो गौरवी वहां अपनी कला ज़रूर दिखाती कुछ लोग उसकी सराहना करते तो कुछ उपहास कुछ लोग सलाह देते कि उसे शहर जा के टीवी में काम करना चाहिए तो कुछ उसे नाचने वाली कहते।एक शाम गौरवी अपने पड़ोस के यहां टीवी देख रही थी, उसने देखा कि कई ख़ूबसूरत लड़कियां स्टेज पर आ जा रही है, ना जाने तबसे वो वशीभूत सी हो गई और सबसे पूछने लगी ये कैसा कार्यकर्म हैं, तब वहां खड़े उसी घर के एक व्यक्ति ने बताया कि यह सब लड़कियां मॉडल्स हैं इन्हें इनकी ख़ूबसूरती और इनके अक्लमंद होने की वजह से इनका चयन हुआ है। गौरवी मुस्कुराई और बुदबुदाई क्या मै भी मॉडल बन सकती? मैं भी तो ख़ूबसूरत हूं अक्लमंद हूं! उस व्यक्ति ने जवाब दिया हां बिल्कुल पर तुम्हे उसके लिए शहर जाना पड़ेगा पर अभी तुम छोटी हो कुछ साल सब्र करो। गांव वाले जो अनपढ़ थे, वो इसके इस सपने को ओछी नज़रों से देखते थे, उसे गलत बताते थे पर गौरवी ने मानो अपने इस सपने को सज़ा लिया था उसने मन ही मन ये बात ठान ली थी कि उसे कुछ अलग करना हैं। गौरवी अब अठारह वर्ष की होने जा रही थी उसने अपनी बारहवी भी पूरी कर पूरे गांव में सबसे अधिक अंक लाकर सबको अचंभित कर दिया। गौरवी के माता पिता को गर्व के साथ साथ गुस्सा भी था क्यूंकि उनकी बेटी आईएएस नहीं बल्कि मॉडल बनना चाहती थी। जो कि गांव वालों की नज़रों में ये ग़लत था।

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