Lekh... Qisse Aur Kahaniyan Ritesh Yadav
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- Arts
Lekh... Qisse Aur Kahaniyan
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जड़ें : संतोष गॉयल - Last Episode
ये सफर दिल्ली के दिल का नहीं था, चौक की चांदनी भरी सड़को की चमक का नहीं था। मालीवाड़े से लेकर किनारी बाज़ार तक के गली–कूचों का नहीं था। ये कोई देहयात्रा नहीं थी, ये तो मेरे...मेरे भीतर का सफर था । By Santosh Goyal
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जड़ें : संतोष गॉयल - Episode 3
ये सफर दिल्ली के दिल का नहीं था, चौक की चांदनी भरी सड़को की चमक का नहीं था। मालीवाड़े से लेकर किनारी बाज़ार तक के गली–कूचों का नहीं था। ये कोई देहयात्रा नहीं थी, ये तो मेरे...मेरे भीतर का सफर था । By Santosh Goyal
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जड़ें : संतोष गॉयल - Episode 2
ये सफर दिल्ली के दिल का नहीं था, चौक की चांदनी भरी सड़को की चमक का नहीं था। मालीवाड़े से लेकर किनारी बाज़ार तक के गली–कूचों का नहीं था। ये कोई देहयात्रा नहीं थी, ये तो मेरे...मेरे भीतर का सफर था । By Santosh Goyal
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जड़ें : संतोष गॉयल - Episode 1
ये सफर दिल्ली के दिल का नहीं था, चौक की चांदनी भरी सड़को की चमक का नहीं था। मालीवाड़े से लेकर किनारी बाज़ार तक के गली–कूचों का नहीं था। ये कोई देहयात्रा नहीं थी, ये तो मेरे...मेरे भीतर का सफर था । By Santosh Goyal
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गुलों की शाम
मोहब्बत कई दफा बहुत मुश्किल हो जाती है, कहीं किसी की नज़रों में ये यूँ भी बदनाम है...
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