2 min

Bhai Ka Mohabbat #poetry #brotherhood SAFAR A HEYAT

    • Performing Arts

दूर है मेरा भाई मुझसे,वक्त की नज़ाकत इसलिए।।

कभी कभी गुफ्तगू  होती है,फोन पर।।

कभी करादर मै  हाल चल पूछ लेता हूं ।।

पर जब सामने बैठकर गुफ्तगू होती है।

उसमें अलग जाएका  था मोहब्बत का।

जो भाई वाले प्यार फोन पर नहीं होता।

कुछ  दिल की बात फोन पर नहीं होता।

वह भाई वाले एहसास फोन पर नहीं होती।

क्योंकि वक्त की नज़ाकत है।।

दूर है मेरा भाई मुझसे,वक्त की नज़ाकत इसलिए।।

कभी कभी गुफ्तगू  होती है,फोन पर।।

कभी करादर मै  हाल चल पूछ लेता हूं ।।

पर जब सामने बैठकर गुफ्तगू होती है।

उसमें अलग जाएका  था मोहब्बत का।

जो भाई वाले प्यार फोन पर नहीं होता।

कुछ  दिल की बात फोन पर नहीं होता।

वह भाई वाले एहसास फोन पर नहीं होती।

क्योंकि वक्त की नज़ाकत है।।

2 min