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SHIKSHAK |Happy Teacher Day SAFAR A HEYAT

    • Performing Arts

तेरी नसीहत तेरी अल्फाजों को तेरे तालीम को तेरा हर हर्फ पढ़ाया हुआ मैं मैं फिर से पढ़ाना चाहता हूं।
मैं अपने जीवन में शिक्षक बनना चाहता हूं।
मैं भी गीली मिट्टी को निकालना चाहता हूं।
मैं भी कुछ बच्चों को अंधेरे से निखारना चाहता हूं।
मैं शिक्षक बनना चाहता हूं। Poetry by Sadain Heyat

तेरी नसीहत तेरी अल्फाजों को तेरे तालीम को तेरा हर हर्फ पढ़ाया हुआ मैं मैं फिर से पढ़ाना चाहता हूं।
मैं अपने जीवन में शिक्षक बनना चाहता हूं।
मैं भी गीली मिट्टी को निकालना चाहता हूं।
मैं भी कुछ बच्चों को अंधेरे से निखारना चाहता हूं।
मैं शिक्षक बनना चाहता हूं। Poetry by Sadain Heyat

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