SAFAR A HEYAT Md Sadain Heyat
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- Arts
"कुछ वक्त रूह के लिए,
क्या आपको फुर्सत है ,
रूहानियत सुकून के लिए",
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Muje Tum Nazar Se Gira To Rahe Ho
Muje tum nazar se gira to rahe ho
muje tum kabhi bhi bhula na sakoge
TRIBUTE TO Mehdi Hasan -
Bhai Ka Mohabbat #poetry #brotherhood
दूर है मेरा भाई मुझसे,वक्त की नज़ाकत इसलिए।।
कभी कभी गुफ्तगू होती है,फोन पर।।
कभी करादर मै हाल चल पूछ लेता हूं ।।
पर जब सामने बैठकर गुफ्तगू होती है।
उसमें अलग जाएका था मोहब्बत का।
जो भाई वाले प्यार फोन पर नहीं होता।
कुछ दिल की बात फोन पर नहीं होता।
वह भाई वाले एहसास फोन पर नहीं होती।
क्योंकि वक्त की नज़ाकत है।। -
SHIKSHAK |Happy Teacher Day
तेरी नसीहत तेरी अल्फाजों को तेरे तालीम को तेरा हर हर्फ पढ़ाया हुआ मैं मैं फिर से पढ़ाना चाहता हूं।
मैं अपने जीवन में शिक्षक बनना चाहता हूं।
मैं भी गीली मिट्टी को निकालना चाहता हूं।
मैं भी कुछ बच्चों को अंधेरे से निखारना चाहता हूं।
मैं शिक्षक बनना चाहता हूं। Poetry by Sadain Heyat -
MOHABBAT CHHOD DE HUMNE
ये तुमसे कह दिया किसने
कि तुम बिन रह नहीं सकते
ये दुख हम सह नहीं सकते !!
चलो हम मान लेते हैं,
कि तुम बिन हम बहोत रोये,
कि रातों को नहीं सोये !
मगर अफसोस है जाना,
कि अब के तुम जो लौटोगे,
हमें तब्दील पाओगे !
बहोत मायूस होगे तुम
अगर तुम जानना चाहो
कि एैसा क्यूं किया हमने
तो सुन लो ग़ौर से जाना !
पुरानी अहद-ए-रफ़्ता की
रवायत तोड दी हमने
मुहब्बत छोड दी हमने !! -
Neeyat-E-Shauq|Nasir Kazmi|Sadain Heyat
niyat-e-shauq bhar na jaaye kahin
niyat-e-shauq bhar na jaaye kahin
tu bhi dil se utar na jaaye kahin
niyat-e-shauq bhar na jaaye kahin -
Safar Mein Dhoop to Hogi |Nida Fazli |Inspirational Poem
Muqtida Hasan Nida Fazli, known as Nida Fazli (12 October 1938 – 8 February 2016), was a prominent Indian Hindi and Urdu poet, lyricist and dialogue writer. He was awarded the Padma Shri in 2013 by the government of India for his contribution to literature.