रास्ते, बातें और सिर्फ तुम Voice Of Sanket
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गुबार-ए-दिल, जो जहाँ बरस जाए बस प्यार की वो घाँस उगा देता है, जो हर बार किसी के कदमों से दबाकर भी फिर लहलहा उठती है।
लेखन-स्वर - संकेत पाण्डेय
गुबार-ए-दिल, जो जहाँ बरस जाए बस प्यार की वो घाँस उगा देता है, जो हर बार किसी के कदमों से दबाकर भी फिर लहलहा उठती है।
लेखन-स्वर - संकेत पाण्डेय
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