Kalpana Rajauriya Kalpana Rajauriya
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- Salud y forma física
बचपन के लम्हो में वो ताज़गी होती है जो आपके कितने भी बोझिल मन को पलभर में हल्का कर सकती है । तो चलते हैं उन्हीं कुछ लम्हों में...
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ज़िंदगी खुलकर जियो
मनुष्य जीवन ईश्वर का दिया एक पुरस्कार है इसलिए इसको व्यर्थ न करो...स्वयं खुश रहो और सभी को खुश रखो ।
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बचपन के लम्हे
बचपन के लम्हे हम सभी की यादों में बसते हैं । जब भी हम अपने बचपन की बात करते हैं , अनायास ही हमारे अंदर का बच्चा बाहर झांकने को आतुर हो जाता है और वह हमारी यादों के पन्नो को पलटकर हमको उन्हीं दिनों में ले जाता है जहाँ हम सबसे ज्यादा सुकून में थे ...जहां कोई चिन्ता ,कोई ज़िम्मेदारी नहीं थी ...थी तो केवल और केवल मस्ती और खुशी , माँ की गोद, दादा की सीख और दादी की कहानी । मेरी इस कविता में आपको ऐसे ही कुछ लम्हे याद आएंगे और वो लम्हे ख़ुशनुमा बन जाएंगे ।