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An Assertive China Starting A New Cold War with the USA Ramniwas Saraswat

    • Politiek

पिछले कुछ समय से क्यों चीन आक्रामक बना हुआ है?
एक साथ कई मोर्चे पर घिरे होने के चलते China अपने देश के नागरिकों के साथ साथ दुनिया का भी ध्यान भटकाना चाहता है। आइए, उन वजहों पर एक नज़र डालते हैं: 👇🏼👇🏼👇🏼
1) चीन की वैश्विक महासत्ता बनने की चाहत और उसकी विस्तारवादी नीति
● पिछले कुछ वर्षो से विश्व की एकमात्र महासत्ता अमेरिका आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा है। इसी वजह से सीरिया,अफ़ग़ानिस्तान,जर्मनी से वो अपनी सेनाएं वापिस बुला रहा है। अमेरिका के कमजोर होने के कारण चीन उसका स्थान लेने के लिए आतुर बन रहा है।

● China विश्व पर अपना Domination स्थापित करना चाहता है। इसी वजह से वो अपने पड़ोसियों के साथ सीमाओं पर उलझ रहा है। चीन का मानना है कि अमेरिका के साथ TRADE WAR करके चीन अमेरिका को आर्थिक रूप से बदहाल करके उसका स्थान प्राप्त कर लेगा लेकिन उसका ये दाँव उल्टा पड़ रहा है।
2) चीन की जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटने की चिंता और CPEC ROUTE के खत्म होने का डर

● CPEC चीन का सबसे बड़ा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। चीन ने इस प्रोजेक्ट में करीब 46 Billion Dollars का निवेश किया है। चीन का सबसे बड़ा डर भारत द्वारा 5 अगस्त,2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का है। गृहमंत्री अमित शाह ने भरे सदन में कहा था कि Gilgit Baltistan और Aksai Chin दोनों ही भारत के अभिन्न अंग है और भारत इन इलाको को वापिस लेकर रहेगा। यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि CPEC का ROUTE भारत के GILGIT BALTISTAN से होकर गुजरता है, जिस पर फिलहाल पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।

● यदि Gilgit Baltistan को भारत प्राप्त कर लेता है तो CPEC PROJECT पर ताला लग जाएगा और चीन को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। पूरा CPEC ही International Laws के अंतर्गत ग़ैरकानूनी है क्योंकि ये भारत के इलाक़े से होकर गुजरता है जिस पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। यदि चीन को POK में निर्माण कार्य करना है तो अंतरराष्ट्रीय का

पिछले कुछ समय से क्यों चीन आक्रामक बना हुआ है?
एक साथ कई मोर्चे पर घिरे होने के चलते China अपने देश के नागरिकों के साथ साथ दुनिया का भी ध्यान भटकाना चाहता है। आइए, उन वजहों पर एक नज़र डालते हैं: 👇🏼👇🏼👇🏼
1) चीन की वैश्विक महासत्ता बनने की चाहत और उसकी विस्तारवादी नीति
● पिछले कुछ वर्षो से विश्व की एकमात्र महासत्ता अमेरिका आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा है। इसी वजह से सीरिया,अफ़ग़ानिस्तान,जर्मनी से वो अपनी सेनाएं वापिस बुला रहा है। अमेरिका के कमजोर होने के कारण चीन उसका स्थान लेने के लिए आतुर बन रहा है।

● China विश्व पर अपना Domination स्थापित करना चाहता है। इसी वजह से वो अपने पड़ोसियों के साथ सीमाओं पर उलझ रहा है। चीन का मानना है कि अमेरिका के साथ TRADE WAR करके चीन अमेरिका को आर्थिक रूप से बदहाल करके उसका स्थान प्राप्त कर लेगा लेकिन उसका ये दाँव उल्टा पड़ रहा है।
2) चीन की जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 का हटने की चिंता और CPEC ROUTE के खत्म होने का डर

● CPEC चीन का सबसे बड़ा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। चीन ने इस प्रोजेक्ट में करीब 46 Billion Dollars का निवेश किया है। चीन का सबसे बड़ा डर भारत द्वारा 5 अगस्त,2019 को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का है। गृहमंत्री अमित शाह ने भरे सदन में कहा था कि Gilgit Baltistan और Aksai Chin दोनों ही भारत के अभिन्न अंग है और भारत इन इलाको को वापिस लेकर रहेगा। यहाँ सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि CPEC का ROUTE भारत के GILGIT BALTISTAN से होकर गुजरता है, जिस पर फिलहाल पाकिस्तान का अवैध कब्जा है।

● यदि Gilgit Baltistan को भारत प्राप्त कर लेता है तो CPEC PROJECT पर ताला लग जाएगा और चीन को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। पूरा CPEC ही International Laws के अंतर्गत ग़ैरकानूनी है क्योंकि ये भारत के इलाक़े से होकर गुजरता है जिस पर पाकिस्तान का अवैध कब्जा है। यदि चीन को POK में निर्माण कार्य करना है तो अंतरराष्ट्रीय का

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