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गीता सार – अध्याय 17 Geeta Saar (Hindi)

    • Spirituality

श्रद्धात्रयविभागयोग
अर्जुन ने पूछा – जो लोग वेद -पुराणों से अलग, अपनी मर्जी से भक्ति करना चाहते हैं उन्हें क्या करना चाहिए।
श्री कृष्ण कहते हैं – उन्हें ॐ तत सत का पालन करना चाहिए।
ॐ का मतलब है ईश्वर , तत का मतलब है मोहमाया से दूर रहना, सत का मतलब है सच्चाई।
अर्थात मनुष्य को मोह माया से दूर होकर, सच्चे मार्ग पर चलते हुए ईश्वर की भक्ति करते रहना चाहिए।
ऐसे मनुष्य को ईश्वर अपनी शरण में ले लेते हैं और मोक्ष प्रदान करते हैं।

कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 17 धन्यवाद

श्रद्धात्रयविभागयोग
अर्जुन ने पूछा – जो लोग वेद -पुराणों से अलग, अपनी मर्जी से भक्ति करना चाहते हैं उन्हें क्या करना चाहिए।
श्री कृष्ण कहते हैं – उन्हें ॐ तत सत का पालन करना चाहिए।
ॐ का मतलब है ईश्वर , तत का मतलब है मोहमाया से दूर रहना, सत का मतलब है सच्चाई।
अर्थात मनुष्य को मोह माया से दूर होकर, सच्चे मार्ग पर चलते हुए ईश्वर की भक्ति करते रहना चाहिए।
ऐसे मनुष्य को ईश्वर अपनी शरण में ले लेते हैं और मोक्ष प्रदान करते हैं।

कृपया गीता के अध्ययन को बार बार सुने. प्रस्तुत है अध्याय - 17 धन्यवाद

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