रहस्यमय आदिकाल | हिंदी साहित्य का इतिहास : प्रारंभिक काल | अनन्त मिश्र Anant Vani
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रहस्यमय आदिकाल | हिंदी साहित्य का इतिहास : प्रारंभिक काल | अनन्त मिश्र
Rahasyamay Aadikaal | Hindi Sahitya Ka Itihas | Anant Mishra
भाषा की खोज का कारण भूख को माना जा सकता है अपितु भूख के पश्चात किसी भी मनुष्य (प्रारंभ में शिशु) के चेतना में जिज्ञासा पैदा होती है जिससे तमाम चीज़े का ज्ञात होता है । भाषा भी कही न कही ऐसेही जन्मी होगी।
भाषा की उत्पत्ति व्यावहारिकपन और दूसरे इस रूप में जीवन के यतार्थ को जीते हुए इसके रहस्यों को पहचानना साहित्य को जन्म दिया।
दुनिया भर का सहित्य प्रारम्भ में अलौकिक तत्वों में प्राप्त है ।
आचार्य शुक्ल ने आदिकाल को वीरगाथाकाल कहा और इन साधु, संत, नाथ, सिद्धों को एक रहस्यपूर्ण वचन बोलने वाला मान कर साहित्य से बाहर कर दिया ।
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रहस्यमय आदिकाल | हिंदी साहित्य का इतिहास : प्रारंभिक काल | अनन्त मिश्र
Rahasyamay Aadikaal | Hindi Sahitya Ka Itihas | Anant Mishra
भाषा की खोज का कारण भूख को माना जा सकता है अपितु भूख के पश्चात किसी भी मनुष्य (प्रारंभ में शिशु) के चेतना में जिज्ञासा पैदा होती है जिससे तमाम चीज़े का ज्ञात होता है । भाषा भी कही न कही ऐसेही जन्मी होगी।
भाषा की उत्पत्ति व्यावहारिकपन और दूसरे इस रूप में जीवन के यतार्थ को जीते हुए इसके रहस्यों को पहचानना साहित्य को जन्म दिया।
दुनिया भर का सहित्य प्रारम्भ में अलौकिक तत्वों में प्राप्त है ।
आचार्य शुक्ल ने आदिकाल को वीरगाथाकाल कहा और इन साधु, संत, नाथ, सिद्धों को एक रहस्यपूर्ण वचन बोलने वाला मान कर साहित्य से बाहर कर दिया ।
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