28 мин.

Astro Podcast | Ep 6 | Dr. Anil Tiwari क्या मांगलिक दोष वास्तव में हानि पहुँचाता है‪?‬ NEXT LEVEL ASTROLOGY

    • Индуизм

👉नमस्कार!
आज हम Next Level Astro Podcast के माध्यम से जुड़ने जा रहे हैं आदरणीय डॉ. अनिल तिवारी जी से। मांगलिक दोष के विषय में लोगों के मन में कई प्रकार के भ्रम है। और कई बार ज्योतिषी भी मांगलिक दोष के विषय में लोगों के मन में भ्रम उत्पन्न कर देते हैं कि अगर मांगलिक दोष है तो ऐसा हो जायेगा वैसा हो जायेगा। क्या वास्तव में मांगलिक दोष हानि पहुँचा सकता है। तो चलिए जानते हैं आदरणीय डॉ. अनिल तिवारी जी के जीवन के ज्योतिष से जुड़े हुए कई अनुभवों के बारे में।
👉डॉ. अनिल तिवारी जी: बचपन से मेरा गुप्त विद्याओं और ज्योतिष के प्रति का रूझान रहा। मैं जब लगभाग 20 वर्ष का था तो मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी। और जैसा मैंने आपको बताया कि ज्योतीष के प्रति मेरा रुझान था तो मैंने मेरे पिता की मृत्यु के पश्चात इस क्षेत्र में और अधिक रूचि लेना प्रारम्भ कर दी। मैंने वेदों को पढ़ा, स्कंद पुराण में ज्योतिष को पढ़ा। और कई प्रकार से ज्योतिष को समझा, मुझे यह समझ आया कि ज्योतिष वास्तव में है क्या कई प्रकार के अनुभव मुझे हुए। सबसे पहले तो ज्योतिष में एकरुपता लाने के लिए हमें वैज्ञानिकता से जुड़ना होगा जानना होगा इसका वैज्ञानिक कारण क्या है।
👉जैसे हम शास्त्रों को पढ़ते हैं और जैसे गुरु सूर्य की स्थिति को समझने के लिए हम 7 तरीको का प्रयोग करते हैं। कई प्रकार के लोग होते है जैसे कुछ लोग आस्थावान होते हैं तो कुछ लोग वैज्ञानिक सोच रखते हैं। जो लोग आस्थावान होते हैं उन्हें ग्रह, नक्षत्र और सभी चीज़ें आसानी से समझ आ जाती है क्योंकि वे इस पर विश्वास करते हैं लेकिन जो लोग वैज्ञानिक सोच रखते हैं वे तर्क वितर्क करते हैं। इसलिए ज्योतिष विद्या का भी वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन होना आवश्यक है।

👉नमस्कार!
आज हम Next Level Astro Podcast के माध्यम से जुड़ने जा रहे हैं आदरणीय डॉ. अनिल तिवारी जी से। मांगलिक दोष के विषय में लोगों के मन में कई प्रकार के भ्रम है। और कई बार ज्योतिषी भी मांगलिक दोष के विषय में लोगों के मन में भ्रम उत्पन्न कर देते हैं कि अगर मांगलिक दोष है तो ऐसा हो जायेगा वैसा हो जायेगा। क्या वास्तव में मांगलिक दोष हानि पहुँचा सकता है। तो चलिए जानते हैं आदरणीय डॉ. अनिल तिवारी जी के जीवन के ज्योतिष से जुड़े हुए कई अनुभवों के बारे में।
👉डॉ. अनिल तिवारी जी: बचपन से मेरा गुप्त विद्याओं और ज्योतिष के प्रति का रूझान रहा। मैं जब लगभाग 20 वर्ष का था तो मेरे पिता की मृत्यु हो गई थी। और जैसा मैंने आपको बताया कि ज्योतीष के प्रति मेरा रुझान था तो मैंने मेरे पिता की मृत्यु के पश्चात इस क्षेत्र में और अधिक रूचि लेना प्रारम्भ कर दी। मैंने वेदों को पढ़ा, स्कंद पुराण में ज्योतिष को पढ़ा। और कई प्रकार से ज्योतिष को समझा, मुझे यह समझ आया कि ज्योतिष वास्तव में है क्या कई प्रकार के अनुभव मुझे हुए। सबसे पहले तो ज्योतिष में एकरुपता लाने के लिए हमें वैज्ञानिकता से जुड़ना होगा जानना होगा इसका वैज्ञानिक कारण क्या है।
👉जैसे हम शास्त्रों को पढ़ते हैं और जैसे गुरु सूर्य की स्थिति को समझने के लिए हम 7 तरीको का प्रयोग करते हैं। कई प्रकार के लोग होते है जैसे कुछ लोग आस्थावान होते हैं तो कुछ लोग वैज्ञानिक सोच रखते हैं। जो लोग आस्थावान होते हैं उन्हें ग्रह, नक्षत्र और सभी चीज़ें आसानी से समझ आ जाती है क्योंकि वे इस पर विश्वास करते हैं लेकिन जो लोग वैज्ञानिक सोच रखते हैं वे तर्क वितर्क करते हैं। इसलिए ज्योतिष विद्या का भी वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन होना आवश्यक है।

28 мин.