' मन की थाह ' Dr.Pratibha Jain 'Pramit'
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- Samhälle och kultur
It's about my thoughts ,my feelings,my observations....
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'मन की थाह '-- हर लो यह मुश्किलें, या परवरदिगारा ।
अब मिलने दो अपनों से, रहिमन रहमत कर ।
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'मन की थाह' -- ""पशु-पक्षियों का महत्त्व ""
Just imagine,पशु-पक्षियों के बिना यह दुनिया ..
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'मन की थाह ' -- "क्यों राम पूजनीय है? "
राजयोग परेशानी मुक्त जीवन की guarantee नहीं है ।
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'मन की थाह '- 7th april:: world health day '
क्यों मुककर्र है स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न दिवस ?
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'मन की थाह'-- ठंड की बिदाई-- farewell , अलग तरह से...
क्यों खाते हैं हम ठंडा खाना ?