1 min

यात्रा (Hindi Poetry by Sahil Mishra ‪)‬ Sahil Mishra Poetry

    • Performing Arts

लौट आओ तुम वापस... जैसे लौट आती है कोई रेलगाड़ी, अपने गंतव्य स्थान से, शहर कमाने गए लोगों को साथ लेकर।

लौट आओ तुम वापस... जैसे लौट आती है कोई रेलगाड़ी, अपने गंतव्य स्थान से, शहर कमाने गए लोगों को साथ लेकर।

1 min