95 episodes

This podcast presents Hindi poetry, Ghazals, songs, and Bhajans written by me.
इस पॉडकास्ट के माध्यम से मैं स्वरचित कवितायेँ, ग़ज़ल, गीत, भजन इत्यादि प्रस्तुत कर रहा हूँ

Awards
StoryMirror - Narrator of the year 2022, Author of the month (seven times during 2021-22)
Kalam Ke Jadugar - Three Times Poet of the Month.

Sometimes I also collaborate with other musicians & singers to bring fresh content to my listeners. Always looking for fresh voices. Write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com

#Hindi #Poetry #Shayri #Kavita #HindiPoetry #Ghazal

Hindi Poems by Vivek (विवेक की हिंदी कवितायेँ‪)‬ Vivek Agarwal

    • Arts

This podcast presents Hindi poetry, Ghazals, songs, and Bhajans written by me.
इस पॉडकास्ट के माध्यम से मैं स्वरचित कवितायेँ, ग़ज़ल, गीत, भजन इत्यादि प्रस्तुत कर रहा हूँ

Awards
StoryMirror - Narrator of the year 2022, Author of the month (seven times during 2021-22)
Kalam Ke Jadugar - Three Times Poet of the Month.

Sometimes I also collaborate with other musicians & singers to bring fresh content to my listeners. Always looking for fresh voices. Write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com

#Hindi #Poetry #Shayri #Kavita #HindiPoetry #Ghazal

    श्री राम नवमी (Shri Ram Navmi)

    श्री राम नवमी (Shri Ram Navmi)

    श्री राम नवमी - (हरिगीतिका छंद)



    श्री राम नवमी पर्व पावन, राम मंदिर में मना।

    संसार पूरा राममय है, राम से सब कुछ बना॥

    संतों महंतों की हुई है, सत्य सार्थक साधना।

    स्त्री-पुरुष बच्चे-बड़े सब, मिल करें आराधना॥

    नीरज नयन कोदंड कर शर, सूर्य का टीका लगा।

    मस्तक मुकुट स्वर्णिम सुशोभित, भाग्य भारत का जगा॥

    आदर्श का आधार हो तुम, धैर्य का तुम श्रोत हो।

    चिर काल तक जलती रहेगी, धर्म की वह ज्योत हो॥

    तन मन वचन सब कुछ समर्पित, जाप हर पल नाम का।

    अब राम ही अपना सहारा, आसरा बस राम का॥



    श्रद्धा सहित समर्पित

    सुर - डॉ सुभाष रस्तोगी

    गीतकार - विवेक अग्रवाल "अवि"

    मूल संगीत - उषा मंगेशकर

    संयोजन - अमोल माटेगांवकर

    Write to us on HindiPoemsByVivek@Gmail.com


    ---

    Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message

    • 6 min
    ग़ज़ल - मधुमास (Ghazal - Madhumas)

    ग़ज़ल - मधुमास (Ghazal - Madhumas)

    समापन है शिशिर का अब, मधुर मधुमास आया है।

    सभी आनंद में डूबे, अपरिमित हर्ष छाया है॥

    सुनहरे सूत को लेकर, बुना किरणों ने जो कम्बल।

    ठिठुरते चाँद तारों को, दिवाकर ने उढ़ाया है॥

    ...

    ...

    समर्पित काव्य चरणों में, बनाई छंद की माला।

    नमन है वागदेवी को, सुमन ‘अवि’ ने चढ़ाया है॥



    गीतकार - विवेक अग्रवाल "अवि"

    स्वर - श्रेय तिवारी

    ---------------

    Full Ghazal is available for listening

    You can write to me on HindiPoemsByVivek@Gmail.com




    ---

    Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message

    • 4 min
    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने (Bada Toot Kar Dil Lagaya Hai Hamne)

    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने (Bada Toot Kar Dil Lagaya Hai Hamne)

    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने

    जुदाई को हमदम बनाया है हमने



    तेरा अक्स आँखों में हमने छिपाया

    तभी तो न आँसू भी हमने बहाए

    तेरा नूर दिल में अभी तक है रोशन

    'अक़ीदत से तुझको इबादत बनाकर

    लबों पर ग़ज़ल सा सजाया है हमने..

    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने



    सबब आशिक़ी का भला क्या बतायें

    ये दिल की लगी है तो बस दिल ही जाने

    न सोचा न समझा मोहब्बत से पहले

    सुकूं चैन अपना मेरी जान सब कुछ

    तेरी जुस्तुजू में गँवाया है हमने

    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने



    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हमने

    जुदाई को हमदम बनाया है हमने



    Lyrics - Vivek Agarwal "Avi"

    Guitar & Vocal - Randhir Singh



    You can write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com


    ---

    Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message

    • 2 min
    प्रतिशोध (Revenge)

    प्रतिशोध (Revenge)

    मेरी यह कविता "प्रतिशोध" पुलवामा के वीर बलिदानियों और भारतीय वायु सेना के पराक्रमी योद्धाओं को समर्पित है

    चलो फिर याद करते हैं कहानी उन जवानों की।
    बने आँसू के दरिया जो, लहू के उन निशानों की॥
    ..
    ..
    ..
    नमन चालीस वीरों को, यही संकल्प अपना है।
    बचे कोई न आतंकी, यही हम सब का सपना है॥

    The full Poem is available for your listening.

    You can write to me on HindiPoemsByVivek@gmail.com

    ---

    Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message

    • 4 min
    बड़ी ख़ूबसूरत (Badi Khoobsoorat)

    बड़ी ख़ूबसूरत (Badi Khoobsoorat)

    बड़ी ख़ूबसूरत शिकायत है तुझको
    कि ख़्वाबों में अक्सर बुलाया है हम ने
    बड़ी आरज़ू थी हमें वस्ल की पर
    जुदाई को हमदम बनाया है हमने

    तेरा अक्स आँखों में हमने छिपाया
    तभी तो न आँसू भी हमने बहाए
    तेरा नूर दिल में अभी तक है रोशन
    'अक़ीदत से तुझको इबादत बनाकर
    लबों पर ग़ज़ल सा सजाया है हमने

    भुलाना तो चाहा भुला हम न पाए
    तेरी याद हर पल सताती है हमको
    नहीं आज कल की है तुझसे मोहब्बत
    बड़ी मुद्दतों से बड़ी शिद्दतों से
    बड़ा टूट कर दिल लगाया है हम ने

    सबब आशिक़ी का भला क्या बतायें
    ये दिल की लगी है तो बस दिल ही जाने
    न सोचा न समझा मोहब्बत से पहले
    सुकूं चैन अपना मेरी जान सब कुछ
    तेरी जुस्तुजू में गँवाया है हमने

    Lyrics - Vivek Agarwal
    Music and Vocals - Ranu Jain
    Write to us at HindiPoemsByVivek@gmail.com

    ---

    Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message

    • 5 min
    नज़्म - वर्चुअल वर्ल्ड (Nazm-Virtual World)

    नज़्म - वर्चुअल वर्ल्ड (Nazm-Virtual World)

    किताबें छोड़ फोनों को, नया रहबर बनाया है।
    तिलिस्मी जाल में फँस कर सभी कुछ तो भुलाया है।
    उसी के साथ गुजरे दिन, उसी के साथ सोना है।
    समंदर वर्चुअल चाहे, असल जीवन डुबोना है।
    ट्विटर टिकटौक गूगल हों, या फिर हो फेसबुक टिंडर।
    हैं उपयोगी सभी लेकिन, अगर लत हो बुरा चक्कर।
    भुला नज़दीक के रिश्ते, कहीं ढूँढे हैं सपनों को।
    इमोजी भेज गैरों को, करें इग्नोर अपनों को।
    ये मेटावर्स की दुनिया, हज़ारों रंग भरती है।
    भले नकली चमक लेकिन, बड़ी असली सी लगती है।
    न खाते वक़्त पर खाना, न सोते हैं समय से अब।
    नहीं अच्छी रहे सेहत, पड़े बिस्तर पे रहते जब।
    हमारे देश का फ्यूचर, ज़रा सोचो तो क्या होगा।
    युवा अपना जो तन-मन से, अगर मज़बूत ना होगा।
    कभी सच्ची कभी झूठी, ख़बर तेजी से बढ़ती हैं।
    बिना सर पैर अफ़वाहें, करोड़ों घर पहुँचती हैं।
    बिना जाँचे बिना परखे, यकीं हर चीज पर मत कर।
    बँटे है ज्ञान अधकचरा, ये कूड़ा मत मग़ज़ में भर।
    समझ ले बात अच्छे से, किताबें काम आएँगी।
    दिमागों में भरा सारा, जहर बाहर निकालेंगी।

    You can write to me at HindiPoemsByVivek@gmail.com

    ---

    Send in a voice message: https://podcasters.spotify.com/pod/show/vivek-agarwal70/message

    • 5 min

Top Podcasts In Arts

Lecture du coran
Aelia Phosphore
Glad We Had This Chat with Caroline Hirons
Wall to Wall Media
Livres Audio
Grande Littérature
Comme en passant
Xavier Gilbert
Think. Design. Africa
Titi Ogufere
Le meilleur de la littérature
France Inter