Anurag Shukla Anurag Shukla
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- Sociedad y cultura
किस्से हैं जिंदगी के, कुछ खट्टे, कुछ मीठे, कुछ शरारतों के , कुछ शिकायतों के, कुछ हँसा देते हैं और कुछ रुला देते हैं ।
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श्री राम चरित्र का सत्य । आँखें खोलने वाली बात
श्रीराम के माता सीता को गर्भावस्था में छोड़ने पर बहुत सी बातें उठीं हैं । नारीवादी और तथाकथित लिबरल लोग उनके चरित्र पर प्रश्न उठाते ही रहते हैं । यहाँ उनके प्रश्नों के उत्तर देने की ही कोशिश की गई है ।
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एक सैनिक की भावनाएं ।
उसने अपनी जान दे दी देश के लिए। सब गौरवांवित हुए और आगे बढ़ गए । लेकिन उसकी भावनाओं का क्या ? वह कोई मशीन तो नही । हर सैनिक की भावनाएं उसके साथ ही दम तोड़ देती हैं । क्या कभी राजनीति समझेगी इसे ? क्या कभी सत्ताधीश समझेंगे इसे ? क्या कभी देशवासी समझेंगे इसे ? क्या कभी आप समझेंगे इसे ? उत्तर की प्रतीक्षा में हूँ ।
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हमारी जिम्मेदारी
आज के माहौल में जब सारी ऑनलाइन शॉपिंग सर्विसेज रुक चुकी हैं तो वही लोकल दुकानदार हमारी जरूरतों को पूरा करने के काम आ रहे हैं । तो हमारी भी ये जिम्मेदारी बनती है कि जब हमारा जीवन सामान्य होगा तब हम इनकी ही दुकानों से खरीद करें और इनका फायदा कराएं बजाय इसके कि ऑनलाइन शॉपिंग करने लगें ।
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आइए किस्सों से पहचान करते हैं ।जिंदगी में एक नया रंग भरते हैं ।।
कुछ अपने और कुछ अपने किस्सों के बारे में बताया है ।
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