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Faiz Ahmad Faiz - Dil na umeed to nahi ..‪.‬ Kavita Classics | Urdu Nazm | Shayari

    • Artes escénicas

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है

दिल ना-उमीद तो नहीं नाकाम ही तो है
लम्बी है ग़म की शाम मगर शाम ही तो है

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