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'महान पुस्तकों' का हिंदी अनुवाद। Hindi translation of 'Great Books'.
For English and Hindi text, English audiobook, visit vaidyakant.wordpress.com

Anuvaad | अनुवा‪द‬ VaidyaKant

    • Arts

'महान पुस्तकों' का हिंदी अनुवाद। Hindi translation of 'Great Books'.
For English and Hindi text, English audiobook, visit vaidyakant.wordpress.com

    जीवन की लघुता पर: सेनेका: भाग 3 [On the Shortness of Life: Seneca]

    जीवन की लघुता पर: सेनेका: भाग 3 [On the Shortness of Life: Seneca]

    "लोग किसी को भी अपनी संपत्ति पर कब्ज़ा नहीं करने देते, मगर वे दूसरों को अपनी जीवन पर कब्ज़ा कर लेने देते हैं. लोग अक्सर फिजूल-खर्ची करने से बचते हैं, पर समय बर्बाद करने में वे तनिक किफ़ायत नहीं करते. सोचो ज़रा कितना समय आपका साहूकार के पास निकल गया, कितना किसी माशूका के साथ, कितना किसी ग्राहक के साथ, कितना अपनी पत्नी से झगड़ने में. आपने उतना जीवन जिया नहीं है, जितना आप गिन रहे थे. आखिर कब ऐसा हुआ कि आपके पास एक निश्चित लक्ष्य था, कब ऐसा हुआ जब आप अपने लिए जी रहे थे, जब आपके चेहरे के भाव बनावटी नहीं थे, जब आपका मन बेफिक्र था, इस इतनी लम्बी ज़िन्दगी में आपने क्या हासिल किया, कितनों ने आपसे आपकी ज़िंदगी लूट ली, कितना समय बर्बाद हो गया फालतू के रोने-धोने में, मूर्खता भरे उल्लास में, लालची कामनाओं में, समाज के प्रलोभनों में, कितना कम समय बचा आपके पास अपने स्वयं के लिए; आप अपने समय से पहले मर रहे हैं!” आप ऐसे जीते हैं मानो आप सदा जीवित रहने वाले हैं. यह दिन जो आप किसी इंसान या चीज़ पर खर्च कर रहे हैं शायद आपका आख़िरी हो. आपके पास नश्वरों की सारी चिंताएं हैं और अमरों की सारी लालसाएं. कितना देर है आखिर जीवन जीने की शुरुआत तब करना, जब यह खत्म होने को हो! अपनी नश्वरता का कैसा मूर्खता भरा भुल्लकड़पन है कि हम जीवन की उम्दा योजनाओं को पचासवें और साठवें साल के लिए स्थगित कर देते हैं, और सोचते हैं कि जीवन उस पड़ाव पर शुरू करेंगे जहाँ बहुत ही कम लोग पहुँचे हैं!"      

    • 4 min
    जीवन की लघुता पर: सेनेका: भाग 2 [On the Shortness of Life: Seneca]

    जीवन की लघुता पर: सेनेका: भाग 2 [On the Shortness of Life: Seneca]

    "जीवन का वो अंश जो हम असल में जीते हैं बहुत छोटा होता है. क्योंकि शेष सभी अस्तित्व जीवन नहीं है, बल्कि मात्र गुजरता हुआ समय है."

    • 4 min
    जीवन की लघुता पर: सेनेका: भाग 1 [On the Shortness of Life: Seneca]

    जीवन की लघुता पर: सेनेका: भाग 1 [On the Shortness of Life: Seneca]

    "जब जीवन विलासता और लापरवाही में बर्बाद हो जाता है, जब यह किसी उम्दा लक्ष्य के प्रति समर्पित नहीं होता, तो अंत में मृत्यु द्वारा ही हमें पता चलता है कि हमारा समय गुजर चुका है. इसलिए बात यह है कि जो जीवन हमें प्राप्त हुआ है वह छोटा नहीं है, लेकिन हम इसे छोटा कर लेते हैं."

    • 2 min

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