Safar Yadon Ka Sushil Bharti
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- Fiction
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Sushil Bharti is a short story writer, storyteller, director Broadcasting in Radio Noida. He is a prolific film screen writer, speaker and mentor. SAFAR YADON KA is a platform where one can find stories of relationship, life, love and hate. This podcast is supported by Radio Noida 107.4fm community Radio. Send your stories on sushil.bharti@radionoida.fm. Support this podcast: https://anchor.fm/aap
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कफन रीमिक्स- पंकज मित्र (Epi-81)
दूर दराज ग्रामीण भारत में आज भी व्यवस्था दशकों बाद भी जैसे वहीं रुकी हुई है। ऐसा लगता है हालात और स्थितियां वही है बस चरित्र बदल गए हैं। क्या कभी इस भ्रष्ट व्यवस्था से समाज को छुटकारा मिल पाएगा? कब तक दशकों पहले के समाज की मानसिकता की पुनरावृति होती रहेगी?
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कब्र का मुनाफा - तेजेंद्र शर्मा (Epi- 80)
वतन के उस पार की एक दुनिया। जीवन भर स्टेटस और ऊंचा मकाम हासिल करने की ख्वाहिश। इस बीच ज़िन्दगी कहीं हाथ से फिसली जाती है। पैसा कमाने की लत और रास्ते फिर उन्हें एक ढर्रे पर डालना चाहते हैं और पैसा कमाने हसरतें सर उठाती है। लेकिन इसके आगे क्या?
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बावड़ी - कविता - (Epi- 79)
स्वयं से बेटी तक के सफर में कुछ डर और आशंकाएं। रिश्तों पर अविश्वास। पल प्रतिपल संदेहों को टटोलती और स्मृतियां में डूबती उतराती एक संवेदशील कहानी।
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दादी मुल्तान और टच एंड गो-तरुण भटनागर-भाग-2(Epi-78)
विभाजन की त्रासदी और दादी के मन में बसा मुल्तान शहर, मनुष्य के द्वारा खीची गई दो देशों के बीच लकीरों को नकारती हैं। दादी के पास कहने के लिए बहुत कुछ नहीं था। पर उसके पास मुल्तान की बातें थी। वह मुल्तान के साथ रही इच्छा ये की उसके बाद भी मुल्तान किसी के मन में ज़िंदा रहे।
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दादी मुल्तान और टच एंड गो- तरुण भटनागर - भाग-1(Epi-77)
इस दुनिया में सिर्फ औरत को ही अपना घर छोड़ना पड़ता है। जानवरों के पास भी यह हक है कि वे अपने इलाके को नहीं छोड़ते। दादी के मन में भी एक शहर बसता है। जाने क्या है यह रिश्ता।
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खिला है ज्यों बिजली का फूल-भाग-2-राकेश बिहारी (Epi- 76)
सम्बन्धों में सम्मान और प्रेम की कमी एक अजीब खालीपन पैदा करती है। संबंध वक्त के मोहताज नहीं, वे अपना रास्ता बना ही लेते है जहां उन्हें अपने लिए उर्वरा ज़मीन मिलती है। इंसान को जहां प्रेम और सम्मान मिलता है फिर भले ही आप लाख सामाजिक व्यवहार और संस्कार की बात क्यों ना करें।