1 集

I am poet and lyricist write poem and motivational thought

Kuldeep Guraiya Kuldeep Guraiya

    • 喜劇

I am poet and lyricist write poem and motivational thought

    Kuch aisa hi apna pustaini makan chhod dena

    Kuch aisa hi apna pustaini makan chhod dena

    यह कुलदीप गुरैया यानी मेरे द्वारा लिखी एक कविता है जिसका शीर्षक है इंसान का "जैसे साँस लेना छोड़ देना ..
    कुछ ऐसा ही है अपना पुशतैनी मकान छोड़ देना"

    कभी रोजगार के कारण
    कभी घर की लड़ाई के कारण
    पकी पकाई फ़सल को उजाड़ देना
    कुछ ऐसा ही है अपना पुशतैनी मकान छोड़ देना

    इंसान इतने लड़ते क्यों हैं
    अपनो से नफ़रत करते क्यों हैं
    जो वस्तुएं साथ जायेंगी नहीं ..
    उनके लिए लिये मरते या मारते क्यों हैं
    गैरों की मुहब्बत में अपनों से मुँह मोड़ लेना
    कुछ ऐसा ही है अपना पुशतैनी मकान छोड़ देना

    वो आँगन वो गलियाँ याद आएंगी बहुत
    वो लड़कड़पन वो मस्तियाँ तड़पाएँगी बहुत
    वो होली का आना साथ दीवाली का मनाना
    वो मेलों का फ़साना दोस्तों की बातें रुलायेंगी बहुत
    चाचा ताव और अपनी मिट्टी से रिश्ता तोड़ देना
    कुछ ऐसा ही है अपना पुशतैनी मकान छोड़ देना

    वो नया शहर ना जाने क्या सिला देगा
    मुझको अमृत देगा या ज़हर पिला देगा
    किसके रहगुज़र में गुज़रेगी ज़िन्दगी
    वो मुझको बना देगा या फ़िर मिटा देगा
    कुलदीप बदगुमान लोगों से रिश्ता जोड़ लेना
    कुछ ऐसा ही है अपना पुशतैनी मकान छोड़ देना
    कुलदीप गुरैया

    • 1 分鐘

熱門喜劇 Podcast

蔡阿嘎543
蔡阿嘎
百靈果 News
Bailingguo News
瘋女人聊天室
Apple 泰辣 G蛋布丁
紫砂歐娜
歐娜
劭中胤翔
劭中胤翔達菇
霸軒廣播電台
霸軒