10 min

“मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो ना कोय...‪"‬ Ek Geet Sau Afsane

    • Music Commentary

आलेख : सुजॉय चटर्जी

स्वर :  राधा पाठक 

प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन

"मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो ना कोय..." - आज फ़िल्म ’मीरा’ के भजन के बहाने जानिए इस फ़िल्म और फ़िल्म के गीतों के निर्माण से जुडी तमाम रोचक बातें जो बरसों पहले फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका में प्रकाशित हुई थी गुलज़ार साहब के एक इन्टरव्यू में। क्यों लता मंगेशकर, आशा भोसले और लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल ने अपने आप को इस फ़िल्म से दूर रखा? फिर क्या सोच कर गुलज़ार साहब ने पंडित रवि शंकर का चुनाव किया? क्यों गुलज़ार साहब को अमरीका जाना पड़ा इस फ़िल्म के लिए और वहाँ पहुँच कर उन्होंने पंडित जी की बात लता जी से क्यों करवाई? कैसे वाणी जयराम के नाम का चुनाव हुआ इस फ़िल्म के गीतों के लिए? और फिर रेकॉर्डिंग् के समय की कौन सी दिलचस्प बातें हैं? ये सब आज के इस अंक में।

आलेख : सुजॉय चटर्जी

स्वर :  राधा पाठक 

प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन

"मेरे तो गिरिधर गोपाल, दूसरो ना कोय..." - आज फ़िल्म ’मीरा’ के भजन के बहाने जानिए इस फ़िल्म और फ़िल्म के गीतों के निर्माण से जुडी तमाम रोचक बातें जो बरसों पहले फ़िल्मफ़ेयर पत्रिका में प्रकाशित हुई थी गुलज़ार साहब के एक इन्टरव्यू में। क्यों लता मंगेशकर, आशा भोसले और लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल ने अपने आप को इस फ़िल्म से दूर रखा? फिर क्या सोच कर गुलज़ार साहब ने पंडित रवि शंकर का चुनाव किया? क्यों गुलज़ार साहब को अमरीका जाना पड़ा इस फ़िल्म के लिए और वहाँ पहुँच कर उन्होंने पंडित जी की बात लता जी से क्यों करवाई? कैसे वाणी जयराम के नाम का चुनाव हुआ इस फ़िल्म के गीतों के लिए? और फिर रेकॉर्डिंग् के समय की कौन सी दिलचस्प बातें हैं? ये सब आज के इस अंक में।

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